German Envoy on Tawang Clash: भारत के अलावा कोई देश चीन का नहीं कर सकता सामना, तवांग झड़प के बीच बोले जर्मन राजदूत
Advertisement
trendingNow11486672

German Envoy on Tawang Clash: भारत के अलावा कोई देश चीन का नहीं कर सकता सामना, तवांग झड़प के बीच बोले जर्मन राजदूत

India-China Clash:  एकरमैन ने कहा कि मुझे तवांग झड़प की पूरी जानकारी नहीं है. लेकिन वहां हिंसा हो रही है. अब तक पश्चिमी देशों में हिंसा हो रही थी लेकिन अब पूर्वी देशों में भी हो रही है. यह चिंता का विषय है. हिंसा नहीं होनी चाहिए. 

German Envoy on Tawang Clash: भारत के अलावा कोई देश चीन का नहीं कर सकता सामना, तवांग झड़प के बीच बोले जर्मन राजदूत

India-China Border Clash: जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों की झड़प चिंता का विषय है और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. एकरमैन ने एक इंटरव्यू में यह बात कही.एकरमैन ने यह भी कहा कि भारत और जर्मनी पिछले हफ्ते जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक की भारत यात्रा के बाद चीन और रूस के मुद्दे को लेकर शीर्ष स्तर पर संपर्क में रहने पर सहमत हुए हैं.  

हम चीन पर ज्यादा निर्भर: जर्मनी

जब उनसे भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा,  जर्मनी को यह एफटीए चाहिए. यह भारत के प्रति हमारा व्यापार बर्ताव एकदम बदल देगा.अभी हम चीन पर ज्यादा ही निर्भर हैं. हमें और देशों से भी व्यापार बढ़ाना होगा. दुर्भाग्यवश भारत हमारी प्राथमिकता में उतने स्तर पर नहीं है, जितना उसे होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आबादी और अन्य पहलुओं के नजरिए से देखें तो भारत के अलावा अन्य कोई ऐसा देश नहीं है, जो चीन से मुकाबला कर सके. लोग अभी भी वियतनाम और मलेशिया की ओर देखते हैं. मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों करते हैं? शायद इसके पीछे भारत में संरक्षणवादी माहौल और रेग्युलेशन्स से जुड़ी समस्याएं हैं. 

तवांग झड़प से चिंतित: एकरमैन

दूसरी ओर तवांग झड़प को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है. लेकिन हम इसे लेकर चिंतित हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कभी उल्लंघन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, अन्य स्तरों के साथ-साथ जब एनर्जी की कीमतों की बात आती है, जब शरणार्थियों की बात आती है, जब रूसियों से निपटने की बात आती है तो  हम यूरोप में रूस की इस आक्रामकता को युद्ध के रूप में हर रोज देखते हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुझे तवांग झड़प की पूरी जानकारी नहीं है. लेकिन वहां हिंसा हो रही है. अब तक पश्चिमी देशों में हिंसा हो रही थी लेकिन अब पूर्वी देशों में भी हो रही है. यह चिंता का विषय है. हिंसा नहीं होनी चाहिए. 

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news