Mount Everest: नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की ख्वाहिश रखने वालों को बड़ा झटका दिया है. नेपाल कैबिनेट ने बड़ा आदेश जारी करते हुए परमिट शुल्क में 36 फीसद का इज़ाफा कर दिया है. साथ ही 75 दिनों की अवधि को घटाकर 55 दिन कर दिया है.
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Mount Everest Fee Hike: नेपाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए परमिट शुल्क में 36 फीसद का भारी इज़ाफा कर दिया है और दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर कचरा फैलने से रोकने के लिए कई कदम भी उठाए हैं. संशोधित पर्वतारोहण नियमों के तहत वसंत ऋतु (मार्च-मई) में सामान्य दक्षिण मार्ग से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले विदेशियों के लिए परमिट शुल्क मौजूदा 11000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 15000 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है.
पर्यटन बोर्ड की डायरेक्टर आरती न्यूपाने ने कहा कि इस संबंध में कैबिनेट का फैसला पहले ही हो चुका है, हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है. नए आदेश के मुताबिक शरद ऋतु (सितंबर-नवंबर) के लिए चढ़ाई की फीस 5500 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 7500 अमेरिकी डॉलर कर दी गई है. वहीं सर्दियों (दिसंबर-फरवरी) और मानसून (जून-अगस्त) के लिए प्रति व्यक्ति परमिट शुल्क 2750 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 3750 अमेरिकी डॉलर हो गया है.
हालांकि उन्होंने कहा कि शरद ऋतु के लिए एवरेस्ट पर चढ़ने के इच्छुक नेपाली पर्वतारोहियों के वास्ते परमिट शुल्क को मौजूदा 75000 रुपये से बढ़ाकर दोगुना यानी 1 लाख 50 हजार रुपये कर दिया जाएगा.
इसके अलावा चढ़ाई के लिए परमिट की 75 दिनों की अवधि को 55 दिन कर दिया जाएगा. दैनिक अखबार ‘काठमांडू पोस्ट’ की खबर के मुताबिक चढ़ाई की अवधि को कम करने का मकसद गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना है.
न्यूपाने ने कहा कि 8848.86 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ने के लिए फीस की नयी दरें एक सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी. नेपाल राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद कैबिनेट के ज़रिए पास किए गए नियम प्रभावी हो जाएंगे. पर्यटन मंत्रालय में संयुक्त सचिव इंदु घिमिरे ने कहा,'वसंत 2025 के लिए पहले से ही स्वीकार की गई बुकिंग पर इस बदलाव का असर नहीं पड़ेगा.' परमिट शुल्क में आखिरी बार संशोधन एक जनवरी 2015 को किया गया था.
घिमिरे के मुताबिक कचरा प्रबंधन ऊंचाई वाले इलाकों के मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सरकारी राजस्व को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर इस बदलाव को किया गया है. नए नियमों के अनुसार पर्वतारोही अपने साथ सिर्फ वही वस्तु ले जा सकेंगे जो पर्यटन विभाग द्वारा जारी किए गए परमिट दस्तावेज में सूचीबद्ध होंगी.
पिछले साल वसंत ऋतु में 421 परमिट जारी किए गए थे. दो सौ विदेशियों समेत लगभग 600 पर्वतारोही शिखर पर पहुंचे थे और लगभग 2000 लोग आधार कैंप में जुटे. खबर में कहा गया है कि आठ पर्वतारोहियों की मौत की घटनाएं भी सामने आईं.
(इनपुट-भाषा)