Manipur Violence Latest Update: मणिपुर में बिगड़ते हालात के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दिया और मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हुए शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही आज (18 नवंबर) अहम बैठक करेंगे. मणिपुर में कई राजनीतिक दलों के कार्यालयों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं. इसके साथ ही विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने तोड़फोड़ की और कई विधायकों के घरों में आग लगा दी.
- भीड़ ने राजनीतिक दलों के कार्यालय जलाए: हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले में रविवार रात कई राजनीतिक दलों के कार्यालयों में आगजनी की घटनाएं हुई हैं. कुकी-जो जनजाति के एक प्रमुख संगठन, स्वदेशी जनजातीय नेताओं के मंच (आईटीएलएफ) ने रविवार रात कहा कि जिरीबाम में शनिवार रात कम से कम पांच चर्च, एक स्कूल, एक पेट्रोल पंप और आदिवासियों के 14 घरों को प्रतिद्वंद्वी समुदाय के हमलावरों ने जला दिया. आगजनी की निंदा करते हुए आईटीएलएफ ने आरोप लगाया कि मणिपुर में चल रहे संघर्ष के कारण छोड़े गए भवनों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जिरीबाम शहर में तैनात सुरक्षा बल इमारतों ऐसा करने में विफल रहे.
- महिला का शव मिलने के बाद तनाव भड़का: पुलिस ने बताया कि रविवार को बराक नदी में तैरती हुई एक महिला का शव बरामद किया गया. शव को असम पुलिस ने कछार जिले में बराक नदी से बरामद किया, जो जिरीबाम की सीमा पर है. शव की तस्वीर व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद रविवार को जिरीबाम में फिर से तनाव भड़क गया.
- अमित शाह ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की: सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की रविवार को समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि शाह आगे के कदमों पर सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ एक और विस्तृत बैठक करेंगे.
- एनपीपी ने बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लिया: नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने रविवार को यह दावा करते हुए हिंसा प्रभावित मणिपुर की भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया कि एन बीरेन सिंह शासन इस पूर्वोत्तर राज्य में 'संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह से नाकाम' रहा है. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं और समर्थन वापसी से सरकार के स्थायित्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि भाजपा के पास अपने 32 विधायकों के साथ सदन में पूर्ण बहुमत है. भाजपा को नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के पांच और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के छह विधायकों का भी समर्थन है. एनपीपी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र में दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है, कई निर्दोष लोगों की जान गई है तथा राज्य के लोग 'अत्यधिक पीड़ा' से गुजर रहे हैं.
- विरोध प्रदर्शन के बीच सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च: इस बीच बच्चों सहित छह शवों की बरामदगी के बाद जिरीबाम में शनिवार से व्यापक विरोध-प्रदर्शन के बाद सेना सहित संयुक्त सुरक्षा बलों ने रविवार रात इंफाल में फ्लैग मार्च किया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शीर्ष अधिकारियों के नेतृत्व में सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस समेत राज्य कमांडो ने रविवार रात राजधानी इंफाल और उसके बाहरी इलाकों में फ्लैग मार्च किया.
- मंत्रियों-विधायकों के घर तोड़फोड़ और आगजनी: इंफाल में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंत्रियों और विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वाली भीड़ में शामिल 25 लोगों को इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों से गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से कुछ हथियार और गोला-बारूद, मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. शनिवार को जिरीबाम में छह शव बरामद होने की खबर फैलने के बाद, कई जिलों, खासकर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में भीड़ ने मंत्रियों, विधायकों और राजनीतिक नेताओं के करीब दो दर्जन घरों पर हमला किया और तोड़फोड़ की.
- आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां: असम राइफल्स, बीएसएफ और कमांडो सहित राज्य बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए शनिवार और रविवार को कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें 15 से अधिक लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने इंफाल की मुख्य सड़कों पर टायर भी जलाए और वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए विभिन्न सामग्रियों और भारी लोहे की छड़ों का ढेर लगा दिया.
- महिलाओं और बच्चों के छह शव बरामद: छह शव, जिनकी पहचान अभी तक परिवार के सदस्यों द्वारा नहीं की गई है, माना जाता है कि वे जिरीबाम जिले में 11 नवंबर से लापता छह महिलाओं और बच्चों के हैं. मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास शुक्रवार और शनिवार को मिले शवों को पोस्टमार्टम के लिए असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया.
- अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू, इंटरनेट बंद: व्यापक हमले और विरोध-प्रदर्शन शुरू होने के बाद, अधिकारियों ने इम्फाल घाटी के इम्फाल पूर्व, पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में 'कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के कारण' अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया. मुख्य सचिव विनीत जोशी ने सात जिलों - इम्फाल पश्चिम, इम्फाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में शनिवार शाम से दो दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट और डाटा सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया.
- हिंसा की आग में क्यों धधक रहा मणिपुर: मणिपुर पिछले साल मई से ही जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. इंफाल घाटी में बसे मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों में बसे कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं. (इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस और भाषा)