Maha Kumbh 2025: क्या मुसलमानों की जमीन पर हो रहा महाकुंभ? ऐसे दावों का मकसद परेशान करना या कुछ और
Advertisement
trendingNow12588051

Maha Kumbh 2025: क्या मुसलमानों की जमीन पर हो रहा महाकुंभ? ऐसे दावों का मकसद परेशान करना या कुछ और

प्रयागराज के स्थानीय मुसमलानों ने कहा है कि महाकुंभ जिस जमीन पर आयोजित किया जा रहा है. वो वक्फ की संपत्ति है. महाकुंभ पर वक्फ वाले दावे की इनसाइड स्टोरी का सच क्या है, आइए आपको बताते हैं.

Maha Kumbh 2025: क्या मुसलमानों की जमीन पर हो रहा महाकुंभ? ऐसे दावों का मकसद परेशान करना या कुछ और

Mahakumbh 2025: प्रयागराज के स्थानीय मुसमलानों ने कहा है कि महाकुंभ जिस जमीन पर आयोजित किया जा रहा है. वो वक्फ की संपत्ति है. महाकुंभ पर वक्फ वाले दावे की इनसाइड स्टोरी का सच क्या है, आइए आपको बताते हैं. महाकुंभ को लेकर खड़ी गई की एक कंट्रोवर्सी के बारे में आपको बताएंगे क्योंकि महाकुंभ को लेकर करा दी गई है वक्फ वाले दावे की एंट्री. दरअसल ये दावा आया है प्रयागराज के स्थानीय मुसलमानों की तरफ से जिनका कहना है कि जिस धर्मक्षेत्र में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है वो वक्फ की संपत्ति है. कुछ मुसलमानों का दावा है कि जिस जमीन पर संतों के अखाड़े लगे हुए हैं. वो भी वक्फ की संपत्ति है, कुल मिलाकर 54 बीघा जमीन पर वक्फ वाला दावा ठोका गया है और इन दावों के साथ कहा गया है कि जो जमीन वक्फ की है उस पर मुसलमानों की एंट्री नहीं रोकी जा सकती है. 

महाकुंभ वक्फ की संपत्ति पर किया जा रहा?

क्या वाकई महाकुंभ वक्फ की संपत्ति पर किया जा रहा है. क्या है स्थानीय मुसलमानों के इस दावे की पूरी हकीकत. इन सवालों का जवाब देंगे.कुंभ नगरी प्रयागराज से आई इस EXCLUSIVE रिपोर्ट में. महाकुंभ दुनिया के करोड़ों सनातनियों की आस्था का केंद्र है. ये वो आयोजन है. जहां संसाऱ भर से साधु संत पहुंचेंगे और इसी महाकुंभ को लेकर मुसलमानों ने अपना दावा ठोका है.

दावों के मुताबिक प्रयागराज के झूंसी में 54 बीघा जमीन वक्फ की संपत्ति है. पूरा मेला 25 सेक्टर्स में बांटा गया है. जिनमें से 14 सेक्टर झूंसी में आते हैं. प्रयागराज शहर और झूंसी के बीच तकरीबन 9 किलोमीटर का फासला है. इन स्थानीय मुसलमानों के बीच से एक और दावा सामने आया कि प्रयागराज का के सी पंत इंस्टिट्यूट भी वक्फ संपत्ति है. भ का आर्काइव सेंटर इसी पंत इंस्टिट्यूट में बना है.

दावे तो सामने आए लेकिन ये दावे अपने साथ कुछ सवाल भी लाए हैं.

अगर ये संपत्तियां वक्फ की हैं. तो फिर महाकुंभ को लेकर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा या ऐतराज क्यों नहीं जाहिर किया?

अगर संपत्तियों पर वक्फ का मालिकाना हक है. तो दावा करने वालों ने कोई ठोस जानकारी या दस्तावेज सामने क्यों नहीं रखे?

इन सवालों के जवाब वक्फ वाला दावा करने वाले मुसलमान ही दे पाएंगे. अगर देना चाहें तो. लेकिन ज़ी न्यूज से बातचीत के दौरान एक और पहलू सामने निकलकर आया. ये पहलू जुड़ा है कुंभ में मुसलमानों की एंट्री को लेकर.

तो क्या कुंभ में दुकान लगाना ही वक्फ के इन दावों की वजह है. क्या वक्फ के दावों के जरिए प्रयागराज के स्थानीय मुसलमान महाकुंभ में व्यापार करना चाहते हैं? क्योंकि महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री को लेकर पहले ही वाद विवाद चल रहा है. 

साधु संतों के एक बड़े तबके ने महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री रोकने के लिए आवाज उठाई है. इन साधु संतों का मत है जब आयोजन सनातनी आस्था वालों का है. तो इसमें मुसमलान क्यों आना चाहते हैं?

महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पहले ही विवाद का विषय थी. अब वक्फ वाला दावा लाकर एक और कंट्रोवर्सी को पैदा करने की कोशिश की गई है.  जिसकी वजह से महाकुंभ और मुसमलान दोबारा सुर्खियों का हिस्सा बन गए हैं.

कुंभ से क्यों बौखलाए मौलाना?  

एक सच्चाई ये भी है कि कुंभ के भव्य, दिव्य और विहंगम आयोजन को लेकर कुछ कट्टरपंथी चिढे हुए हैं. कट्टर सोच वाली ये जमात दावा कर रही है कि महाकुंभ में कई सौ मुसलमानों का  धर्मांतरण होने वाला है. सैंकड़ों मुस्लिम, कुंभ से घर वापसी करनेवाले हैं. एक मौलाना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्टी लिखकर उनसे धर्मांतरण रोकने के लिये मदद तक मांगी है. तो क्या महाकुंभ में 'घर वापसी मिशन'  से कट्टरपंथियों को मिर्ची लग गई है. कट्टर सोच वाली जमात, कुंभ में धर्मांतरण के नाम पर नफरत फैलाने में जुट गई है.

कुंभ में 'घर वापसी मिशन' को लेकर कट्टरपंथी थर-थर कांप रहे हैं. मारे डर के हांफ रहे हैं. कट्टर जमात को एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ों मुस्लिमों की घर वापसी का डर सता रहा है. 

महाकुंभ में 'घर वापसी' पर रण

एक तरफ भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन को लेकर देश-दुनिया के सनातनी भाव-विभोर हैं. वहीं दूसरी तरफ कट्टर जमात को इस महाआयोजन में धर्म परिवर्तन खौफ सता रहा है. मुस्लिमों के घर वापसी के दावे से उनके पसीने छूट रहे हैं. 

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी का कहना है कि कुंभ के मेले से जो खबरें निकल कर आ रही हैं हमारे सूत्रों ने बताया है जानकारी दी है कि वहां साधु-संतों ने एक प्रोग्राम बनाया है धर्मांतरण का और ये दावा किया जा रहा है कि सैंकड़ों मुसलमानों का धर्म बदलवाया जाएगा, मजहब तब्दील कराया जाएगा. 

मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने महाकुंभ में कथित धर्मांतरण रोकने के लिये यूपी के सीएम योगी को चिट्ठी तक लिख डाली है.

उनका दावा है -
- महाकुंभ में कई सौ मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कराया जाएगा.
- साधु-संत इस धर्म परिवर्तन को करवाएंगे.
- और इस धर्म परिवर्तन के आयोजन से देश भर में तनाव फैल सकता है.

मौलाना शहाबुद्दीन ने बडे शातिराना अंदाज में एक धमकी भी दी है. धमकी अमन-चैन के खराब होने की. 

एक तरफ साधु-संत धर्मांतरण कराने की बात कर रहे हैं कि महाकुंभ मेले में बड़े पैमाने पर सैकड़ों मुसलमानों को मजहब तब्दील कराया जाएगा. धर्मांतरण कराया जाएगा. दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में एक कानून बना हुआ है धर्मांतरण पर और गुजिस्तां सालों में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई हैं. तो इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को एक पत्र लिखा है और पत्र लिखकर के मैंने ये मांग की है कि कुंभ के मेले में होने जा रहे धर्मांतरण के कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाया जाए.

मौलाना के दावे की पड़ताल के लिये हमारी टीम ने कुंभ में मौजूद साधु-संतों से बातचीत की. उनका दावा है कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि सैंकड़ों गैर सनातनी घर वापसी की लाइन में खड़े हैं. 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, 'हमने कभी गैर हिंदू को हिंदू नहीं बनाया. जो ये मुल्ला जी कह रहे हैं, हमने किसी गैर हिंदू को हिंदू नही बनाया. अब जब किसी के मन में आस्था है भगवान से प्रेम है, राम से प्रेम है , कृष्ण से प्रेम है. उसे क्या किया जाए. किसी को बुलाया नहीं जा रहा है. स्वत:लोग आ रहे हैं. हम अपने घर वापस जाना चाहते हैं. ये उनका प्रेम है. उनकी आस्था है. '

सवाल है कि अगर किसी भी धर्म को मानने वाला अपनी मर्जी से घर वापसी करना चाहता है तो क्या कट्टरपंथी उनकी राह में रोडे डाल रहे हैं.  क्या ये दबाव बनाने और धमकाने की साजिश तो नहीं है. मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी की धर्मांतरण वाली चिट्ठी पर बीजेपी ने भी पलटवार किया और कट्टर जमात को आइना दिखाया है.

 बीजेपी प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा, 'जिसकी जैसी भावना होती है उसको वैसा ही दिखता है. हिंदू या सनातन कभी किसी का धर्मांतरण नहीं कराते. जो आता है वो अपनी स्वेच्छा से आता है. संत समाज का दावा है कि गैर सनातनियों की घर वापसी तय है. जो किसी मजबूरी में सनातन धर्म को छोडने को मजबूर हुए, उन्हें महाकुंभ के पवित्र अवसर पर फिर सनातन की राह दिखाना कहीं से गलत नहीं है.

महाकुंभ में धर्म परिवर्तन को लेकर कट्टरपंथी जमात के नफरती शोर के बीच, आम मुसलमान इस पर क्या सोचता है. ये जानने के लिए हमारी टीम ने लखनऊ के आम मुस्लिमों से बात की. मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी के बयान पर आम मुसलमानों की राय जानी. तो उनकी मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news