Mahashivratri Mahakal Darshan Guidelines: महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन कैसे मिलेंगे और इस दौरान कितने देर तक खुले रहेंगे मंदिर के कपाट? महाशिवरात्रि के दिन किन-किन नियमों में रहेगा बदलाव, आइए जानते है महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन व्यवस्था की पूरी गाइडलाइन....
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Mahashivratri: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में शिवनवरात्रि की शुरुआत हो गई है. 26 फरवरी को बाबा महाकाल के दरबार में महाशिवरात्रि भव्यता के साथ मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भारी भीड़ लगेगी. अगर आप भी महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर दर्शन करने जाने का का प्लान बना रहे हैं तो ह खबर आपके लिए काफी उपयोगी है, क्योंकि महाशिवात्रि पर दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है. देखिए पूरी गाइडलाइन...
महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि की शुरुआत हो गई है. शिव नवरात्रि महोत्सव के दौरान पूजा के समय में बदलाव किया गया है. शिवरात्रि के नौ दिनों तक भोग आरती दोपहर 1 बजे हो रही है. जो पहले 10:30 बजे होती थी. वहीं, संध्या आरती अब शाम 5 बजे की बजाय दोपहर 3 बजे हो रही है.
कैसे मिलेंगे महाकाल के दर्शन?
महाशिवरात्रि पर भक्तों की बढ़ती संख्या को ध्यना में रखते हुए महाकालेश्वर मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्था को सरल-सुविधाजनक बनाने की रणनीति बनाई है. ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन मिल सकते हैं. महाशिवरात्रि पर आम श्रद्धालु चारधाम मंदिर के सामने से कतार में लगने के बाद शक्ति पथ के रास्ते श्री महाकाल लोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर, महाकाल टनल-1 से गणेश मंडपम में पहुंचकर बाबा महाकाल दर्शन करेंगे. दर्शन के बाद श्रद्धालु आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर की ओर बड़ा गणेश मंदिर के समीप हरसिद्धि मंदिर तिराहा से पुन: चारधाम मंदिर पर पहुंचेंगे.
भीड़ बढ़ने की स्थिति में...
अगर श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक होती है तो फैसेलिटी सेंटर 1 से मंदिर परिसर निर्गम रैम्प, गणेश मंडपम एवं नवीन टनल दोनों ओर से दर्शन व्यवस्था कराई जाएगी. अगर इससे भी अधिक श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती है तो फैसेलिटी सेंटर 1 से सीधे कार्तिकेय मंडपम में प्रवेश करवाया जाएगा. इसके बाद इन्हें गेट नंबर 10 या निर्माल्य द्वार के रास्ते बाहर निकाला जाएगा.
प्रोटोकॉल के तहत आने वाले श्रद्धालुओं के लिए
प्रोटोकॉल के तहत आने वाले दर्शनार्थी हरिफाटक ओवरब्रिज से बेगमबाग के रास्ते नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा. वहीं, वृद्ध एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं को अवंतिका द्वार से प्रवेश दिया जाएगा. इनके लिए व्हील चेयर की सुविधा रहेगी.
बाइक के लिए यहां रहेगी पार्किंग व्यवस्था
महाशिवात्रि पर जो श्रद्धालु बाइक से जाएंगे उनके लिए भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है. इंदौर, देवास, मक्सी रोड से आने वाले समस्त दो-पहिया वाहन कलोता समाज पार्किंग में खड़े कराए जाएंगे. वहीं, बडनगर, आगर एवं नागदा की ओर से आने वाले समस्त दो-पहिया वाहनों को शंकराचार्य चौराहा पर गुरुद्वारा की जमीन में पार्क कराया जाएगा. चार पहिए और बस से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की अलग व्यवस्था की गई है.
महाशिवरात्रि पर 44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल के कपाट
इस बार 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पड़ रही है. महाशिवरात्रि के दिन बाबा महाकाल का रातभर विशेष पूजन और अभिषक किया जाएगा. महाशिवरात्रि के दौरान बाबा महाकाल का दरबार 44 घंटे तक खुले रहेंगे. महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी को सुबह बाबा महाकाल का सप्तधान्य शृंगार व सेहरे का दर्शन होगा.
दोपहर में होगी भस्मआर्ती
महाशिवरात्रि के अगले दिन बाबा महाकाल की भस्म आर्ती दोपहर में होती है. ऐसा मौका साल में एक बार ही आता है. इस विशेष आरती का श्रद्धालुओं को सालभर इंतजार रहता है.क्योंकि, बाकी दिनों विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की भस्म आरती तड़के 4 बजे की जाती है. वहीं, महाशिवरात्रि के अगले दिन महाकाल की भस्म आरती का समय तड़के चार बजे से बदलकर दोपहर 12 बजे होता है. महाशिवरात्रि के अगले दिन बाबा महाकाल का सेहरा लुटाया जाता है. इस दिन फूलों से बने बाबा महाकाल के सहरे को भक्तों के बीच लुटाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि बाबा के सेहरे के धान, फूल आदि रखने से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है.
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