Prisoners Got Freedom: 15 अगस्त को मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 650 कैदियों की सजा माफ की गई. ये अब स्वतंत्रता दिवस यानी आजादी के उत्सव के रोज से मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे.
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भोपाल। मध्य प्रदेश में एक साल बाद स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य के अलग-अलग जेलों से 650 कैदियों को आजादी मिल गई. सरकार की ओर से मिली माफी के बाद अब ये भी आजादी के उत्सव के रोज से मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे. ये सभी कैदी राज्य के अलग-अलग जेलों में थे. इन्हें इनके आचरण के आधार पर सजा माफी का लाभ दिया गया है.
पहले कोर्ट ने लगाई थी रोक
पिछले साल 26 जनवरी और 15 अगस्त को राजीव गांधी के हत्यारों की सजा माफ करने का फैसला तमिलनाडु सरकार ने किया था. इसके बाद समयपूर्व रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसी वजह से मध्य प्रदेश में कैदियों की रिहाई रुक गई थी. बात में कोर्ट से सरकार को अनुमति मलने के बाद कैदियों के रिहाई के आदेश दिए गए.
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किस जेल से कितने रिहा
अभी तक प्रदेश भर से आई जानकारी के अनुसार,
- इंदौर सेंट्रेल जेल से दिवस पर 24 कैदियों को रिहा किया गया. इसमें 2 महिला और 22 पुरुष कैदी शामिल हैं.
- सतना जेल से आजीवन सजा काट रहे 21 कैदियों को रिहा किया गया. इसमें 3 सतना, 10 छतरपुर, 6 पन्ना और एक बालाघाट का रहने वाला है.
- रीवा केंद्रीय जेल से 13 बंदियों को रिहाई मिली है.
- ग्वालियर जेल से 21 कैदियों को रिहा किया गया. जेल प्रबंधन ने रिहाई का प्रमाण पत्र और पारिश्रमिक देकर सम्मान विदा किया.
कैसे हुआ प्रोसेस
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, आरएस विजयवर्गीय डीआई कानून एवं व्यवस्था ने बताया कि जिला कलेक्टरों के नेतृत्व में जिला-स्तरीय समितियों ने (कैदियों के नाम) शॉर्टलिस्ट किए हैं और एक रिपोर्ट सौंपी गई. 650 कैदियों की सूची जेल मुख्यालय को भेज दी गई थी. इसमें 76 भोपाल सेंट्रल जेल से हैं. इन सभी कैदियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया.
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किसे मिलती है रिहाई और किसे नहीं
शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार अच्छे आचरण वाले कैदियों को रिहा कर सकती है. बलात्कार, देशद्रोह के आरोपियों और उन कैदियों को छोड़कर जिनकी जांच केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा की गई थी.
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