आइए आज आपको दुनिया की सबसे उम्रदराज हथनी वत्सला का दर्शन करवाते हैं. वत्सला मप्र के पन्ना टाइगर रिजर्व में रहती है. वत्सला को दक्षिण भारत के केरल राज्य के नीलाम्बूर से मध्यप्रदेश के शहडोल में लाया गया. बाद में इसे पन्ना टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया. वत्सला करीब 50 साल से इसी तरह जंगल में हाथियों के कुनबे के बच्चों की देखभाल करती है.
अनेक संतानों को जन्म देने के बाद अब वत्सला 100 साल से ज्यादा की हो चुकी है. बुढ़ापे के कारण आंखों में देखने की क्षमता कम हो गई है लेकिन हाथी परिवार के मुखिया की भूमिका वत्सला आज भी पूरी तरह निभा रही है. वत्सला अपने नातियों-नातिनो को ढेर सारा प्यार दुलार देती है.
बाघों के संरक्षण के साथ उनकी निगरानी में उपचार में वत्सला ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. आज पन्ना टाइगर रिजर्व लगभग एक सैकड़ा बाघ परिवार के साथ गुलजार है. इस भरे पूरे परिवार के साथ वत्सला अपने बुजुर्ग होने का दायित्व बखूबी निभा रही है.
दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला की उम्र 100 वर्ष से ज्यादा है. हालांकि, वत्सला के जन्म से संबंधित कोई दस्तावेज या पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इसका नाम शामिल नहीं हो सका है.
बताया जाता है कि आम तौर पर हाथियों की उम्र लगभग 60 से 70 वर्ष होती है, वत्सला की उम्र का दावा 100 वर्ष से अधिक का किया जाता है. वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में कुल 19 हाथी हैं. 100 साल की उम्र के साथ वत्सला पूरी तरह स्वस्थ है.
साल 1971 में वत्सला को केरल के फॉरेस्ट डिविजन से पकड़ा था. इसके बाद अगले साल इसे होशंगाबाद शिफ्ट किया गया. उस समय वत्सला की उम्र 50 वर्ष थी. वत्सला को 1993 में पन्ना टाइगर रिजर्व लाया गया था. तभी से यह पीटीआर के गौरव के रूप में मौजूद हैं.
पन्ना टाइगर रिजर्व की शान और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हथिनी वत्सला को दुनिया में सबसे अधिक उम्र हथिनी बताया जाता है। लेकिन, अभी तक उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुआ है.
पन्ना टाइगर रिजर्व में वत्सरा पर्यटकों की आकर्षण का मुख्य केंद्र है. वत्सला हथिनी छोटे छोटे हाथियों के साथ मस्ती करती हुई आसानी से दिख जाती है. वत्सला टाइगर रिजर्व में हाथियों के कुनबे के बच्चों की देखभाल दादी मां की तरह करती है.
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