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कौन हैं जेसीबी दीदी जिन्हें जापान से आया बुलावा, 61 की उम्र में दिखाएंगी अपना टैलेंट

CG news: छत्तीसगढ़ की दमयंती सोनी जो जेसीबी दीदी नाम से भी जानी जाती हैं. उन्हें अपना टैलेंट दिखाने के लिए जापान बुलाया गया है.  61 साल की जेसीबी दीदी, जेसीबी जैसी भारी मशीन चला कर जापान में अपना हुनर पेश करेंगी.  

 

परिवार का पालन पोषण

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परिवार का पालन पोषण

दमयंती सोनी जो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला मुख्यालय से लगभग 15 किमी  दूर एक छोटे से गांव खैरझिटी की रहने वाली हैं 2012 में पति के मौत के बाद से ही अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए  जेसीबी चलाने का काम शुरू किया था.

 

जेसीबी दीदी के नाम से मशहुर

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जेसीबी दीदी के नाम से मशहुर

61 साल की दमयंती सोनी जेसीबी की नॉलेज होने से आज जेसीबी जैसी भारी मशीन चलाने में निपुण हैं. उन्हें अपनी हुनर दिखाने के लिए दिल्ली समेत कई विदेशी देशों में बुलाया जाता है. जेसीबी मशीन चलाने में निपुण दमयंती जेसीबी दीदी के नाम से भी फेमस हैं.

 

छत्तीसगढ़ सरकार ने की मदद

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छत्तीसगढ़ सरकार ने की मदद

छत्तीसगढ़ सरकार ने भी दमयंती सोनी की मदद की है. मदद के तौर पर सरकार ने उन्हें 3लाख से अधिक रूपये की आर्थिक सहायता भी की है. सरकार द्वारा की गई मदद से दमयंती अपने सपने पूरे करेंगी .

 

इस महीने जाएंगी जापान

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इस महीने जाएंगी जापान

दमयंती बताती है कि वह पैसों की वजह से  2020 और 2023 में जापान नहीं जा पाई थीं लेकिन अब सरकार के जरिए किए गए मदद से इस महीने जनवरी में ही वह जापान जाएंगी और वहां अपने हुनर को सबके सामने पेश करेंगी.

 

नोएडा एक्सपो में भी बुलाया गया

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नोएडा एक्सपो में भी बुलाया गया

दमयंती ने बताया कि उन्हें नोएडा में आयोजित एक्सपो में भी शामिल होने को बुलाया गया था जहां उन्होंने अपने इस टैलेंट के दिखाते हुए सभी लोगों को हैरान कर दिया था. 

 

काम को किया टैलेंट में तब्दील

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काम को किया टैलेंट में तब्दील

पति के मौत के बाद दमयंती लाचार और बेसहारा न बैठ कर जेसीबी चलाने का काम शुरू किया. उन्होंनें अपने इस काम को अपने टैलेंट में तब्दील किया,और आज  जापान जैसे कई शहरों में उन्हें अपना हुनर दिखाने के लिए बुलाया भी  गया हैं.

 

महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

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महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत

दमयंती बताती हैं कि उन्होंने  जेसीबी चलाकर अपने दम पर ही एक जेसीबी भी खरीदा है और आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन चुकी हैं. जेसीबी चलाकर ही दमयंती ने अपने बेटे और बेटी का पालन पोषण किया है.