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संदीप मिश्रा/डिंडौरी: धार के 304 करोड़ के कारम बांध निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा मामला सामने आया था. जिसके बाद से सीएम शिवराज अब किसी भी मामले में नरमी नहीं बरत रहे हैं. इसका ताजा मामला देखने को मिला डिंडौरी के शहपुरा में, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हेलिकाप्टर से ओचक निरीक्षण करने पहुंच गए. वहां से मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से ग्राम बिलगांव पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिले के सबसे बड़े बेलगांव जलाशय का आकस्मिक निरीक्षण किया. उनके द्वारा वह मौजूद किसानों से समस्याएं पूछीं. गौरतलब है कि बिलगांव जलाशय की नहरों से पानी रिसाव के चलते बड़ी संख्या में किसानों की फसलें प्रभावित होती थीं. इसी को लेकर सीएम तक जानकारी पहुंचने के बाद उनके द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया.
मुख्यमंत्री द्वारा निरीक्षण के दौरान जलाशय निर्माण कार्य सहित नहर निर्माण कार्य की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले को छोड़ा नहीं जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों द्वारा खेतों में नहर का पानी रिस कर भरने सहित अन्य समस्याएं भी रखी गई. प्रभावित किसानों ने मुआवजा कम मिलने की भी जानकारी मुख्यमंत्री को बताई. बताया गया कि निर्माण के दौरान बरती गई मनमानी के चलते पानी खेतों में भर रहा है. ऐसे में फसलें बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
मैं पिछले दिनों शाहपुरा आया था तब लोगों ने मुझे आवेदन दिया था कि बिलगांव सिंचाई योजना से पूरा लाभ नहीं मिल रहा है, नहरें ठीक नहीं है और पानी से भी किसानों का नुकसान हुआ है।
मैंने तय किया था कि मैं खुद आकर स्पॉट पर चेक करूंगा। चेक करके मैंने देखा तो स्पष्ट रूप से लापरवाही है। pic.twitter.com/1LjvNwCZfG— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 3, 2022
इन्हें किया गया सस्पेंड
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालन वीजीएस सांड्या, एसडीओ बेलगांव जलाशय के साथ इंजीनियर बिलगांव को निलंबित करने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा बीज वितरण में लापरवाही बरतने के आरोप में कृषि विभाग के उपसंचालक अश्वनी झारिया को भी सस्पेंड किया है. मुख्यमंत्री ने बड़झर गांव में छात्रावास अधीक्षक और वरगांव के सचिव को भी सस्पेंड किया है.
सीएम के एक्शन से हड़कंप
गौरतलब है कि CM शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ समय से एक्शन में नजर आ रहे हैं और पिछले 72 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश में 3 जिलों के 8 बड़े अफसरों को सस्पेंड कर चुके हैं. इनमें से कुछ को तो उन्होने सभा में भरी मंच से निलंबित करने के आदेश दिए है. उनके इस रूख से बाद से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है.