chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक ऐसा गांव है, जहां दिन में सन्नाटा पसरा रहता है तो रात में लोग जागते रहते हैं. क्योंकि यहां रात में चोरियां होती हैं, चोरी भी कोई छोटी- मोटी नहीं बल्कि कोयले की. गांव में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहता है. दिन के समय गांव का एक व्यक्ति भी नजर नहीं आता, लेकिन रात होते ही यहां का युवा हो या फिर महिलाएं गांव में रोजगार की तलाश में सामूहिक चोरी करने निकल पड़ते हैं.
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्थित पोडी गांव का ये मामला हर किसी को हैरान करता है. पूरे दिन गांव में सन्नाटा पसरा रहता है और रात होते ही इस विरान गांव में लोग नजर आने लगते हैं.
दरअसल, सूरजपुर जिले को कोयलांचल नाम से भी पहचाना जाता है. यहां दर्जनों कोल माइंस पाए जाते हैं. सरल शब्दों में कहा जाए तो सूरजपुर में कोयले का अपार भंडार है.
सूरजपुर में पाया जाने वाला कोयला देशभर में भेजा जाता है, लेकिन इन्हीं कोल माइंस को पोंडी गांव के लोग अपने लिए इस्तेमाल करते पाए जाते हैं.
रोजगार की तलाश में या कहे पैसों की लालच में, गांव वाले दिन भर अपने घरों में आराम करते हैं और सूरज ढलते ही अपने घरों से निकल कर इन्हीं कोयले की खदानों में सैकड़ों की तादाद में चोरी करने निकल पड़ते हैं.
गांव वाले खदानों में तो अपना हाथ मारते ही हैं बल्कि सुरंगों से भी अवैध तरीके से कोयला निकाल कर बजारों में बेचते हैं. गांव वालों का ये अवैध काला रोजगार उनके जान पर भी बन आता है.
पोडी गांव से ही सटे विश्रामपुर और भटगांव में इसी तरह से कोयले की चोरी करते कुछ लोगों का मौत हो गई थी. मौत की खबरों के बाद भी गांव वालों की इस अवैध तरीके से चल रही चोरी थमी नहीं बल्कि दूसरे गांव के लोगों ने भी इस काले रोजगार में अपने आप को शामिल करना शुरू कर दिया.
कोयले की चोरी पर ग्रामीणों का कहना है कि, रोजगार का अभाव हमें कोयले के अवैध रोजगार की तरफ ले जाता है. यहां नेता भी सिर्फ जनता से वोट मांगने आते हैं फिर पूरे 5 साल तक दिखाई नहीं देते हैं.
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