पीथमपुर में जहरीला कचरा नष्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अगले सप्ताह होगी सुनवाई
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पीथमपुर में जहरीला कचरा नष्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

Madhya Pradesh News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाईड फैक्ट्री का कचरा नष्ट करने के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है. यह उसी फैक्ट्री का कचरा है, जिसकी वजह से साल 1984 में भोपाल गैस त्रासदी हुई.

पीथमपुर में जहरीला कचरा नष्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अगले सप्ताह होगी सुनवाई

MP News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्य प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में भोपाल की यूनियन कार्बाईड फैक्ट्री का कचरा नष्ट करने के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया है. यह उसी फैक्ट्री का कचरा है, जिसकी वजह से साल 1984 में भोपाल गैस त्रासदी हुई. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि पीथमपुर में कचरा नष्ट करने का फैसला लेने से पहले स्थानीय लोगों से सलाह नहीं ली गई. इस कचरे को नष्ट करने से रेडिएशन का खतरा हो सकता है. इलाके में अगर रेडिएनशन का खतरा हुआ तो यहां प्रभावित लोगों के इलाज के लिए उचित चिकित्साव सुविधा भी नहीं है.

इंदौर के चिन्मय मिश्रा नामक याचिकाकर्ता ने भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में लाकर जलाने पर रोक लगाने की मांग की है. यह याचिका एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड सर्वम रीतम खरे के माध्यम से दाखिल की गई थी, जिसकी पैरवी वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने की. कामत की दलील सुनने के बाद, न्यायमूर्ति भूषण रामाकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह ने मामले पर नोटिस जारी कर दिया. अब इस मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होगी.

पहले भी दाखिल की थी याचिका
इससे पहले 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह कहते हुए मामले को नहीं सुना था कि यह मामला पहले से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट इसे एक नई जनहित याचिका के रूप में सुन सकता था. इस कारण याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. अब याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.

हजारों लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि 1984 में भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीली मिथाइल आइसोनेट गैस का रिसाव हुआ था, जिससे 8,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. हजारों लोग विकलांगता, अंधापन और अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हुए थे. यूनियन कार्बाइड का औद्योगिक कचरा 40 वर्षों से भोपाल में पड़ा हुआ है. 3 दिसंबर, 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस कचरे को चार सप्ताह के भीतर डिस्पोजल साइट तक पहुंचाने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ धार जिले के पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

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