कोर्ट का समय बर्बाद करना युवक को पड़ा महंगा, लग गया पांच लाख का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
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कोर्ट का समय बर्बाद करना युवक को पड़ा महंगा, लग गया पांच लाख का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

mp news-सड़क विकास निगम की जमीन मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया है. कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है. 

 

कोर्ट का समय बर्बाद करना युवक को पड़ा महंगा, लग गया पांच लाख का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

madhya pradesh news-आज के समय में हर मामले में कोर्ट में घसीटने का चलन चल रहा है. कोर्ट में निजी कारण या जनहित के नाम पर याचिकाएं लगाई जा रही है. ऐसे में भोपाल के मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया है, जिससे सीख लेने की जरूरत है. दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सड़क विकास निगम की जमीन से जुड़े मामले में याचिकाकर्ता पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है. 

कोर्ट ने समय बर्बाद करने के लिए यह फैसला सुनाया है. 

क्या है मामला
साल 2011 में याचिकाकर्ता निखिल गांधी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि भोपाल के बैरागढ़ में सड़क विकास निगम की 6232 वर्ग मीटर जमीन के लिए उसने 29 करोड़ की बोली लगाई थी. लेकिन सबसे ज्यादा बोली लगाने के बाद भी 21 करोड़ की बोली लगाने वाले व्यक्ति को जमीन दी गई थी. इस याचिका के बाद हाईकोर्ट ने नीलामी की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
हाईकोर्ट की रोक के खिलाफ सड़क विकास निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में निखिल गांधी ने जमीन के लिए 41 करोड़ 41 लाख का प्रस्ताव पेश किया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सामान्य परिस्थिति में कानून के अनुसार आयोजित नीलामी में न्यायालय को हस्तेक्षप नहीं करना चाहिए. विशिष्ट परिस्थिति में विशिष्ट उपाय होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने केवल इस बात को ध्यान में रखा है कि सार्वजनिक प्राधिकरण की संपत्ति की नीलामी में सबसे अच्छा मूल्य प्राप्त किया जा सकता है.

राशि जमा करने को कहा
इसके बाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता को उक्त राशि तीन महीने में हाईकोर्ट में जमा करने के आदेश जारी किए थे. लेकिन याचिकाकर्ता निखिल गांधी ने निर्धारित समय में राशि जमा नहीं की. बल्कि याचिकाकर्ता ने इसकी जगह पर हाईकोर्ट में लंबित याचिका को वापस लेने का आग्रह किया. 

चीफ जस्टिस पीठ ने लगाया जुर्माना
इस याचिका को वापस लेने के आग्रह के बाद कोर्ट नाराज हो गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का समय बर्बाद करने के कारण याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया. अब याचिकाकर्ता को पांच लाख का जुर्माना देना पड़ेगा. 

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