Chhattisgarh News: प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ पवेलियन आकर्षण का बड़ा केंद्र बन गया है. इस पवेलियन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला, संस्कृति और धर्म की झलक देखने को मिल रही है. इसके प्रवेश द्वार पर छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट और भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.
प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ पवेलियन लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है. पवेलियन में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और धर्म की झलक दिखाई दे रही है. गौर मुकुट और चित्रकोट जलप्रपात जैसी चीजें लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं.
पवेलियन के अंदर छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा और राज्य के चार ईष्ट देवियोंं की तस्वीरें स्थापित की गई हैं. यह पवेलियन छत्तीसगढ़ के लोगों और संस्कृति को देश के सामने पेश करने का एक बेहतरीन मंच है.
कुंभ मेले में भी छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और इतिहास को जानने के लिए भीड़ उमड़ रही है. छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट वाला प्रवेश द्वार लोगों को आकर्षित कर रहा है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ पैवेलियन प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुंभ में लक्ष्मी द्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने स्थित है. प्रवेश द्वार पर ही बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर बनी है, जिसे भारत का नियाग्रा कहा जाता है.
पैवेलियन में प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित की गई है और प्रवेश द्वार के दाहिनी ओर राज्य की चार ईष्ट देवियां मां महामाया, मां चंद्रहासिनी, मां दंतेश्वरी और मां बम्लेश्वरी की फोटो प्रदर्शित की गई है.
यह पवेलियन राज्य की कला, संस्कृति और इतिहास की अद्भुत झलक प्रदर्शित कर रहा है.
बता दें कि पौष पूर्णिमा से कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है. कुंभ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति पर हुआ. ऐसे में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंच रहे हैं.
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