रिश्वत लेकर बिना ट्रायल इंसुलिन मार्केट में लाने की थी तैयारी, CBI का खुलासा; अधिकारी गिरफ्तार
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रिश्वत लेकर बिना ट्रायल इंसुलिन मार्केट में लाने की थी तैयारी, CBI का खुलासा; अधिकारी गिरफ्तार

CBI Arrested CDSCO Officer: सीबीआई ने रिश्वत मामले में संयुक्त औषधि नियंत्रक एस ईश्वर रेड्डी को सोमवार को गिरफ्तार किया है. अधिकारी पर बॉयोकान बॉयोलॉजिक्स के एक उत्पाद को मंजूरी देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है.

रिश्वत लेकर बिना ट्रायल इंसुलिन मार्केट में लाने की थी तैयारी, CBI का खुलासा; अधिकारी गिरफ्तार

CBI Arrested CDSCO Officer: सीबीआई ने बिना ट्रायल इंसुलिन को दवा मार्केट में मंजूरी देने के चौंका देने वाले मामले का खुलासा किया है. रिश्वत लेकर इस डील को अंजाम देने के आरोप में सीबीआई ने CDSCO के ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने 5 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

CBI को जानकारी मिली थी कि कुछ फार्मा कंपनी CDSCO के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर ड्रग को गलत तरीके से मंजूरी दिलवा रही हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं. जिसके बाद CBI ने 5 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की और रिश्वत लेते और देते समय आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया.

इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी

1. एस ईश्वर रेड्डी, संयुक्त औषधि नियंत्रक (भारत) (जेडीसी) मुख्यालय, सीडीएससीओ
2. गुलजीत सेठी/गुलजीत चौधरी, निदेशक, मेसर्स बायोइनोवेट रिसर्च सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
3. दिनेश दुआ, निदेशक, मेसर्स सिनर्जी नेटवर्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
4. एल. प्रवीण कुमार, एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट और हेड-नेशनल रेगुलेटरी अफेयर्स (एनआरए), मेसर्स बायोकॉन बायोलॉजिक्स लिमिटेड
5. अनिमेष कुमार, सहायक औषधि निरीक्षक (एडीआई), सीडीएससीओ, नई दिल्ली

बिना ट्रायल इंसुलिन को मंजूरी देने की थी तैयारी

जांच में पता चला कि किरण मजूमदार की कंपनी M/s Biocon Biologics Ltd, Bangalore की ड्रग मंजूरी की तीन फाइल CDSCO में एस ईश्वरा रेड्डी के पास हैं. कंपनी के एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट और नेशनल रेगुलेटरी अफेयर के हेड एल प्रवीण कुमार ने M/s Bionnovat Research Services Pvt Ltd की डायरेक्टर गुलजीत सेठी उर्फ गुलजीत चौधरी को फाइल को मंजूर कराने की जिम्मेदारी दी. इसके लिए बकायदा 9 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर ज्वाइंट ड्रग कंट्रोलर एस ईश्वरा रेड्डी को देने की बात तय हुई थी. इसमें Biocon कंपनी की Insulin Aspart Injection के तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ही ड्रग की मंजूरी की फाइल भी थी. गुलजीत सेठी ने इस काम के लिए M/s Synergy Network Pvt Ltd के डायरेक्टर दिनेश दुआ को भी शामिल किया.

जाने पूरी डील के बारे में

सीबीआई के मुताबिक, 18 मई 2022 को होने वाली Subject Expert Committee (SEC) की मीटिंग में डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी ने Insulin Aspart Injection के तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ही मंजूरी की बात कही. इसके साथ ही Minutes of Meeting में डाटा शब्द की जगह प्रोटोकॉल में बदलाव कर दिया ताकि किरण मजूमदार की Biocon कंपनी को फायदा पहुंचे. इसके अलावा 15 जून 2022 को होने वाली CDSCO की SEC यानी Subject Expert Committee की मीटिंग में Biocon कंपनी की तीसरी फाइल को मंजूरी दिलाने के लिए गुलजीत सेठी ने फिर से डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी और असिस्टेंट ड्रग इंस्पेक्टर अनिमेश कुमार से बात की. दिनेश दुआ ने 15 जून 2022 को इसके लिए डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी से मुलाकात भी की. मीटिंग के बाद Biocon कंपनी के एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट और नेशनल रेगुलेटरी अफेयर के हेड एल प्रवीण कुमार ने गुलजीत सेठी को जानकारी दी कि मीटिंग में कंपनी की फाइल मंजूर हो गई है. इसके लिए प्रवीण ने गुलजीत को 30 हजार रुपये भी दिए.

9 लाख में तय हुई थी डील

मीटिंग से पहले जब डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी की मुलाकात दिनेश दुआ से हुई थी, तब ही ईश्वरा रेड्डी ने दिनेश को चाणक्यपुरी में अपने नए घर का पता दिया. प्रवीण कुमार ने फाइलों को पास करवाने के बदले 9 लाख रुपये की रिश्वत की बात कही थी, जिसके बाद गुलजीत ने दिनेश दुआ को तय रिश्वत की रकम का एक हिस्सा यानी 4 लाख रुपये डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी को उनके घर जाकर देने के लिए कहा. 20 जून 2022 को दिनेश ये रकम डॉ. ईश्वरा रेड्डी को देने गया और सीबीआई ने दोनों को रंगे हाथों पकड़ा और गिरफ्तार कर लिया.

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