माथे पर लाल टीका, कानों में कुंडल... वो शख्स जिसके लिए 10 एकड़ में बनाई गईं 1800 कलाकृतियां? देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे
Advertisement
trendingNow12602131

माथे पर लाल टीका, कानों में कुंडल... वो शख्स जिसके लिए 10 एकड़ में बनाई गईं 1800 कलाकृतियां? देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Sangolli Rayanna: संगोली रायन्ना ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ़ कित्तूर के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी. वह एक योद्धा और कित्तूर राज्य के सेना प्रमुख थे, जिस पर रानी चेन्नम्मा का शासन था, जो अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ने वाली सबसे शुरुआती भारतीय रानियों में से एक थीं. कित्तूर स्वतंत्रता संग्राम में संगोली रायन्ना के योगदान ने उन्हें अमर कर दिया. अब उनकी जीवन गाथा पर 10 एकड़ में 1800 कलाकृतियां बनाई गईं हैं. जानें पूरी खबर.

माथे पर लाल टीका, कानों में कुंडल... वो शख्स जिसके लिए 10 एकड़ में बनाई गईं 1800 कलाकृतियां? देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

A rock garden memory of Rayanna in Sangolli: कर्नाटक के बेलगाम में स्वतंत्रता सेनानी संगोली रायन्ना की जीवन गाथा को दर्शाने के लिए बनाई गई शौर्य भूमि (रॉक गार्डन) अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई है. हर कलाकृति ऐसी है कि पर्यटक मंत्रमुग्ध हो रहे हैं. शौर्य भूमि क्रांतिकारी रायन्ना की जन्मस्थली बैलाहोंगाला तालुक के संगोली गांव के बाहरी इलाके में 10 एकड़ क्षेत्र में 15 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है. यहां कुल 64 दृश्य और 1,800 से अधिक कलाकृतियां हैं.

'एशिया में पहला रॉक गार्डन, जो किसी की जीवन गाथा पर है'
हावेरी जिले में गोटागोडी स्कल्पचर कॉटेज के प्रबंधक राजहर्ष सोलाबक्का के नेतृत्व में कलाकारों ने शानदार कलाकृतियां तैयार की हैं, जो रायन्ना के इतिहास को बहुत ही सुंदर तरीके से उजागर करती हैं. इतिहासकार बसवराज कामथा ने बताया कि "सरकार ने ग्रामीणों के आग्रह पर संगोली में रॉक गार्डन बनाने का काम किया है, ताकि रायन्ना के इतिहास को दर्शाया जा सके. मैंने रायन्ना का इतिहास दिया. कलाकारों ने इसके लिए उपयुक्त कलाकृतियां और सेटिंग बनाई. हम गर्व से कह सकते हैं कि किसी व्यक्ति की जीवनी बनाने का यह एशिया में पहला प्रयास है." उन्होंने यह भी बताया कि छुट्टियों और त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं.

कलाकृतियां देखकर खड़े हो जाएंगे रोंगेटे
उन्होंने बताया, "17 जनवरी 2024 को सीएम सिद्धारमैया ने इस वीरता की भूमि का उद्घाटन किया था और तब से लोग बड़ी संख्या में यहां आ रहे हैं. कित्तूर राज्य के राजा वीरप्पा देसाई द्वारा रायन्ना के दादा रोगप्पा को रक्तरंजित भूमि देकर सम्मानित करने का समय, रायन्ना के पिता भरमप्पा द्वारा बाघ का शिकार कर कित्तूर राज्य में लाने की घटना, रायन्ना का नामकरण, गरदीमने में अभ्यास करना और साहसिक कला में निपुण होना, रानी चन्नम्माजी द्वारा उनके हाथ से तलवार स्वीकार करना, रायन्ना के पिता भरमप्पा का अंग्रेजों द्वारा गोली मार दिया जाना, धारवाड़ के तत्कालीन जिलाधीश ठाकरे का कित्तूर महल में आना और अपने पुत्र को अपनाने से इंकार करना, कित्तूर का किला, कुश्ती का मैदान, वीरभद्र मंदिर, दरबार हॉल, अंग्रेजों से युद्ध के दृश्य, संपागवी जेल पर हमला, कर न चुकाने पर कुलकर्णी द्वारा रायन्ना की मां के सिर पर पत्थर फेंकना इतने वास्तविक हैं कि ऐसा लगता है कि यह घटना हमारी आंखों के सामने घट रही है."

कौन थे सांगोली रायन्ना?
सांगोली रायन्ना का जन्म 15 अगस्त 1798 को हुआ. और निधन 26 जनवरी 183 को हुआ. रायन्ना बेलगावी जिले के सांगोली में पैदा हुए. उनके पिता भरमप्पा रोगनवर थे. उनकी मां केंचवा थीं. उन्होंने कित्तूर चेन्नम्मा द्वारा शासित कित्तूर की सेना में एक वरिष्ठ कमांडर के रूप में कार्य किया, यह राज्य - कई अन्य राज्यों की तरह - अंग्रेजों द्वारा 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में एक रियासत के रूप में कहा जाता था. 1824 में EIC के कुख्यात डॉक्ट्रिन ऑफ़ लैप्स के जवाब में चेन्नम्मा ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) के खिलाफ एक असफल विद्रोह का नेतृत्व किया, उसके बाद रायन्ना ने भारत में कंपनी के शासन का विरोध करना जारी रखा.  EIC प्राधिकरण के खिलाफ एक और विद्रोह का नेतृत्व करने के बाद, उन्हें अंततः अंग्रेजों ने पकड़ लिया और 1831 में फांसी दे दी. रायन्ना के जीवन पर कन्नड़ भाषा की फिल्मों में क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना (1967) और क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना (2012) है. इनपुट आईएएनएस से भी

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news