Singapore President Tharman Shanmugaratnam: गुरुवार को एक तस्वीर पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही. इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और उनके बगल में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम हैं.
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Singapore President Tharman Shanmugaratnam: गुरुवार को एक तस्वीर पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही. इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और उनके बगल में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या नयापन है, जो चर्चा में छाया रहा. वो हैं सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम. दरअसल, राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम भारतीय मूल के राजनेता हैं. उन्होंने सिंगापुर के राष्ट्रपति चुनाव में 70.4 प्रतिशत वोट हासिल कर शानदार जीत दर्ज की थी. अभी थर्मन अपने पांच दिवसीय दौरे पर भारत आए हुए हैं. तमिल मूल के थर्मन न केवल सिंगापुर की जनता के पसंदीदा नेता हैं बल्कि उनकी कहानी भारत से भी गहरे जुड़ाव को दर्शाती है. आइये आपको बताते हैं उनके बारे में सबकुछ..
कौन हैं सिंगापुर के राष्ट्रपति?
थर्मन शनमुगरत्नम का जन्म 25 फरवरी 1957 को सिंगापुर में एक तमिल परिवार में हुआ था. उनके पिता कनगरत्नम शनमुगरत्नम एक प्रसिद्ध पैथोलॉजिस्ट और कैंसर शोधकर्ता थे, जबकि उनकी मां एक गृहिणी थीं. इस सांस्कृतिक विविधता ने थर्मन को चार भाषाओं.. अंग्रेजी, तमिल, मलय और मंदारिन में दक्ष बनाया.
लंदन से हार्वर्ड तक का सफर
थर्मन ने अपनी शुरुआती शिक्षा सिंगापुर के एंग्लो-चाइनीज स्कूल से पूरी की. इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) गए. जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. 2011 में LSE ने उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए ऑनरेरी फेलोशिप से सम्मानित किया. इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वुल्फसन कॉलेज से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री ली. थर्मन ने अपनी पढ़ाई का अगला पड़ाव हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रखा. जहां उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की. हार्वर्ड में उन्हें लुसियस एन. लिटॉयर फेलो अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन और नेतृत्व क्षमता के लिए दिया जाता है.
सिंगापुर की अर्थव्यवस्था के संरक्षक
थर्मन ने अपने करियर की शुरुआत सिंगापुर के मॉनेटरी अथॉरिटी (MAS) से की, जो सिंगापुर का केंद्रीय बैंक और वित्तीय नियामक है. यहां उन्होंने अपने ज्ञान और नेतृत्व कौशल से बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं और बाद में इसके चेयरमैन बने. इसके अलावा उन्होंने GIC (सिंगापुर का सॉवरेन वेल्थ फंड) में डिप्टी चेयरमैन के रूप में भी काम किया. थर्मन को 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में उनके योगदान के लिए व्यापक सराहना मिली.
जनता के नेता से राष्ट्रपति तक
थर्मन ने 2001 में सिंगापुर की राजनीति में कदम रखा. उन्होंने पीपल्स एक्शन पार्टी (PAP) के टिकट पर जुरोंग GRC से चुनाव लड़ा और 79.75 प्रतिशत वोट के साथ जीत दर्ज की. इसके बाद उन्होंने शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री जैसे कई अहम पदों पर काम किया. 2011 में उन्हें उप-प्रधानमंत्री बनाया गया. इसके साथ ही वे वित्त मंत्री का कार्यभार भी संभालते रहे. 2015 में उन्होंने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और 2019 में सीनियर मिनिस्टर बने. 2023 में थर्मन ने सभी सरकारी पदों और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया और शानदार जीत हासिल की.
भारत से गहरा जुड़ाव
थर्मन शनमुगरत्नम का भारतीय मूल उनकी जड़ों को भारत से जोड़ता है. उनके पिता तमिलनाडु से थे और थर्मन ने अपने तमिल संस्कारों को हमेशा सहेजकर रखा. वे भारत और सिंगापुर के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. थर्मन शनमुगरत्नम की कहानी न केवल सिंगापुर की जनता के लिए प्रेरणा है बल्कि भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय भी है.