Hampi Virupaksha Temple: कर्नाटक के हम्पी स्थित विरूपक्षा मंदिर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां श्रद्धालुओं की श्रद्धा और मंदिर के हाथी की सेहत के बीच संतुलन बनाने के लिए मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है.
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Hampi Virupaksha Temple: कर्नाटक के हम्पी स्थित विरूपक्षा मंदिर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां श्रद्धालुओं की श्रद्धा और मंदिर के हाथी की सेहत के बीच संतुलन बनाने के लिए मंदिर प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है. मंदिर ने परिसर में केले लाने और खिलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि श्रद्धालु हाथी को जरूरत से ज्यादा केले खिला रहे थे. जिससे उसकी सेहत पर असर पड़ रहा था और मंदिर परिसर में गंदगी भी बढ़ रही थी.
मंदिर प्रशासन का बड़ा फैसला
सातवीं शताब्दी के ऐतिहासिक हम्पी के विरूपक्षा मंदिर ने हाल ही में यह निर्णय लिया. मंदिर के बंदोबस्त अधिकारी हनुमंथप्पा ने बताया कि श्रद्धालु हाथी को केले खिलाने के लिए इतने उत्साहित हो जाते हैं कि वह उसके लिए हानिकारक हो सकता है. उन्होंने कहा कि लोग न केवल हाथी को जरूरत से ज्यादा केले खिला रहे थे. बल्कि केले के छिलके और प्लास्टिक की थैलियां भी छोड़ जाते थे, जिससे मंदिर परिसर गंदा हो जाता था.
हाथी की सेहत और सफाई की चिंता
मंदिर प्रशासन के अनुसार, श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए भी हाथी की सेहत और मंदिर परिसर की सफाई को प्राथमिकता देना जरूरी है. हाथी को ज्यादा केले खिलाने से उसके पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है. साथ ही, केले के छिलकों और प्लास्टिक की थैलियों से न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है.
श्रद्धालुओं से अपील.. विवाद न बनाएं
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध को गलत संदर्भ में न लें. हनुमंथप्पा ने कहा कि यह फैसला हाथी, मंदिर और श्रद्धालुओं की बेहतरी के लिए लिया गया है. हम नहीं चाहते कि यह विवाद का विषय बने. उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिबंध की खबरों के बाद से उन्हें इस बारे में कई फोन कॉल्स आ चुके हैं.
विरूपक्षा मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
हम्पी का विरूपक्षा मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में भी शामिल है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. मंदिर का हाथी भी यहां की एक बड़ी आकर्षण है, जिसे श्रद्धालु बड़े प्रेम से देखते हैं.
श्रद्धा और जिम्मेदारी का संतुलन
यह मामला दिखाता है कि श्रद्धा और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाना कितना जरूरी है. श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गतिविधियों से किसी को नुकसान न पहुंचे. विरूपक्षा मंदिर प्रशासन का यह कदम एक सकारात्मक संदेश देता है कि धार्मिक स्थलों पर सफाई और जानवरों की सेहत का ख्याल रखना कितना जरूरी है.