Vaishali DM Yashpal Meena: अधिकारियों से सौम्य आचरण की उम्मीद की जाती है लेकिन कई अधिकारी ऐसे होते हैं, जो अपने पद के मद में चूर रहते हैं और उन्हें न तो जनप्रतिनिधियों और न ही आम लोगों का लिहाज होता है. यशपाल मीना ऐसे ही अधिकारियों में से एक बताए जाते हैं.
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Vaishali News: डीएम यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट. इस पर पोस्ट पर बैठे हुए लोग सरकार के टॉप क्लास अधिकारी माने जाते हैं. कई डीएम पद के अनुरूप व्यवहार करते हैं तो कई पद के मद में चूर हो जाते हैं. ऐसे ही बिहार के वैशाली के डीएम हैं यशपाल मीना. उनकी नौकरी तो बिहार में चल रही है लेकिन वहां के लोगों को डीएम साहब रे... तू... बिहारी... आदि संबोधनों से नवाजते हैं. डीएम साहब पर आरोप है कि वह न तो किसी अधीनस्थ अधिकारी की सुनते हैं और न ही जनता की. वैशाली की जनता में इसको लेकर भारी आक्रोश तो है ही, अधीनस्थ अधिकारी भी डीएम साहब से जले भुने रहते हैं. व्यवहार ही ऐसा है डीएम साहब का.
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ताजा आरोप वैशाली जिले के शलाहा पंचायत के मुखिया विपिन कुमार राय उर्फ विपिन सर ने लगाए हैं. विपिन सर ने जिलावासियों से अपील की थी कि जो लोग भी वैशाली के डीएम से त्रस्त हैं, उनके साथ आएं और उनके हाथ मज़बूत करें. शलाहा में पंचायत भवन निर्माण को लेकर अवैध कब्ज़ा हटाने की मांग को लेकर विपिन सर डीएम साहब के पास निवेदन लेकर पहुंचे थे, लेकिन घमंड में चूर डीएम ने उनके साथ रे... तू... और बिहारी जैसे अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया.
इससे नाराज होकर विपिन सर ने सोशल मीडिया पर डीएम साहब के बारे में कई खुलासे किए हैं और उनके अमर्यादित व्यवहार और भाषा की कड़ी निंदा की है. डीएम साहब पर आरोप है कि बिना आवेदन लिए ही मुखिया विपिन सर को चैंबर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. सोशल मीडिया के माध्यम से विपिन सर ने बताया कि शलाहा पंचायत भवन के निर्माण के लिए डीएम के आदेश पर अंचलाधिकारी के माध्यम से बस्ती को खाली भी कराया गया, लेकिन फिर डीएम साहब के आदेश पर वह जगह पूरी तरह अतिक्रमणमुक्त नहीं हो सका और पंचायत भवन का निर्माण नहीं हो पाया.
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विपिन सर इसी से संबंधित आवेदन लेकर डीएम साहब के पास गए थे. पर डीएम साहब ने न तो आवेदन लिया और न ही जन प्रतिनिधि को अपने कार्यालय में इज्जत से बैठाया. इसी मामले को लेकर विपिन सर अपने हजारों समर्थकों और अन्य पीड़ित लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम साहब से मिलने की बात कही, लेकिन डीएम साहब ने उनसे मुलाकात नहीं की और व्यस्त होने का बहाना कर दिया. उसके बाद विपिन सर ने एसडीओ हाजीपुर राम बाबू बैठा को आवेदन सौंपा, जिस पर SDO हाजीपुर ने आश्वासन दिया कि आपकी जो शिकायत है उस पर कार्यवाही की जाएगी. उसके बाद विपिन सर समर्थकों के साथ वापस लौट गए.
आपको बता दें कि डीएम साहब यशपाल मीना आम तौर पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ भी उसी तरह का व्यवहार करते हैं. इसके खिलाफ बीते दिन अंचलाधिकारी और उनके सहकर्मी डीएम साहब यशपाल मीना के खिलाफ धरने पर बैठे थे. डीएम साहब यशपाल मीना अपने व्यवहार और भाषा को लेकर आए दिन सुर्ख़ियों में रहते हैं. कई जनप्रतिनिधियों ने भी डीएम साहब के इस व्यवहार से नाराजगी जताई है. एक तरफ सरकार कहती है कि किसी भी समस्या को लेकर आए प्रतिनिधि या आम आदमी से संयम और उचित व्यवहार का प्रयोग किया जाए, वहीं बिहार के वैशाली में अफसरशाही का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है.
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आप इसी से इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि जब जनप्रतिनिधियों को डीएम साहब रे... तू... और बिहारी जैसे शब्दों से पेश आते हैं तो फिर आम लोगों से वे कैसे पेश आते होंगे. अधीनस्थ अधिकारियों को तो गुलाम समझते हैं डीएम साहब. चर्चित गुरु खान सर ने सोशल मीडिया पर वैशाली के डीएम साहब के व्यवहार और उनके अमर्यादित आचरण की निंदा करते हुए कहा है कि एक जिलाधिकारी का यह व्यवहार कतई शोभा नहीं देता है. इस बारे में डीएम यशपाल मीना का पक्ष जानने की कोशिश की गई पर उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका.
वैशाली से रवि मिश्रा की रिपोर्ट