मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास परियोजना के तहत अब भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य में अब तेजी आएगी. इस परियोजना के लिए करीब 36 मौजा में 124 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया, और रैयतों को 199.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. 17 किलोमीटर लंबे इस बाइपास का निर्माण 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से होगा.
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मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है. यह परियोजना जिले के विकास में अहम भूमिका निभाएगी, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और यात्रा के समय में भी कमी आएगी. यह बाइपास पटना से हाजीपुर जाने वाले वाहनों के लिए एक नया रास्ता खोलेगा, जिससे मोतिहारी, सीतामढ़ी और दरभंगा जाने वाले यात्रियों को रामदयालु-भगवानपुर होकर यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
भूमि अधिग्रहण की रिपोर्ट:
मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास के लिए करीब 36 मौजा में 124 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके लिए रैयतों को कुल 199.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भूमि अधिग्रहण कार्य में कोई रुकावट नहीं आई है और सभी 36 मौजा के रैयतों को पूरी राशि का भुगतान किया गया. यह परियोजना अब लगभग 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है.
मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास परियोजना में एनएचएआई द्वारा 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है. इस बाइपास की लंबाई 17 किलोमीटर है. वर्ष 2010 में इस बाइपास के निर्माण का निर्णय लिया गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण से संबंधित कानूनी मुद्दों के कारण काम में देरी हुई. इसके बाद 2021 में कोर्ट के आदेश पर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पुनः शुरू किया गया और रैयतों को भुगतान किया गया, जिसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई.
जिले में सड़कों का सुधार और योजना:
इस परियोजना में कपरपुरा के पास आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) पर गर्डर लॉन्चिंग का कार्य शेष है, जबकि पकड़ी पकोही के पास ओवरब्रिज के एक लेन पर काम जारी है. इसके अतिरिक्त, मुजफ्फरपुर जिले की लगभग 125 किलोमीटर सड़कों के सुधार का कार्य भी शुरू किया जाएगा. पथ प्रमंडल संख्या-1 और 2 के तहत इन सड़कों की मरम्मत के लिए पांच करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है. इसमें कालीकरण और मास्टिक बिछाने का काम किया जाएगा. साथ ही, गड्ढों को भरकर सड़कों को समतल किया जाएगा. यह कार्य दो माह के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है.
इसके अलावा, शहरी क्षेत्र में भी कई सड़कों की मरम्मत की योजना है, जिनमें मिठनपुरा चौक से शेरपुर, लेनिन चौक से मझौलिया रोड और बीएमपी-छह रोड जैसी प्रमुख सड़कें शामिल हैं. इसके लिए लगभग चार करोड़ रुपये की लागत तय की गई है.
इन सभी योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पहले सभी सड़कों का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही, तुर्की चौक से पक्की सराय चौक भाया मधौल, सुस्ता और कच्ची पक्की पथ का मरम्मत कार्य भी किया जाएगा. यह सभी योजनाएं बिहार के विकास में अहम योगदान देंगी और जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं प्रदान करेंगी.
यह बाइपास और सड़क मरम्मत योजनाएं जिले में समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी और आने वाले समय में मुजफ्फरपुर और हाजीपुर के बीच यातायात की सुविधा को भी बेहतर बनाएंगी.
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