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Vamana Jayanti: आपको बता दें कि वामन द्वादशी या वामन जयंती हिंदूओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. जिस दिन सनातन धर्म से जुड़े लोग व्रत रखते हैं. यह भगवान हरि नारायण विष्णु के वामन अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इसलिए इसे वामन जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है.
वामन अवतार की पूजा कर रहे भक्त इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं. इस दिन भक्तों के द्वारा उपवास भी रखा जाता है. साथ ही विष्णु के मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है.
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इस बार वामन जयंती 26 सितंबर को है. 26 सितंबर से 27 सितंबर तक वामन द्वादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन पूजा के लिए भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो, तुलसी के पत्ते, फूल, दीप, धूप, जल, दूध, घी, पंचामृत, धनिया पाउडर, फल, मिठाई और साथ ही लौंग, इलायची और सुपाड़ी की जरूरत होती है.
इस दिन पूजा के लिए सुबह उठें, नित्य क्रिया से निवृत हो स्नान आदि कर स्वच्छ कपड़े धारण करें. फिर पूजा स्थान पर एक आसन लगाकर बैठें. फिर मन को शांत कर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी के पत्ते चढ़ाएं. फिर धूप, दीप जलाकर भोग लगाकर विष्णु की अराधना करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. फिर आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें.
राजा बलि के बलिदान के द्वारा इस दिन भगवान वामन ने देवताओं की रक्षा की थी. इस दिन को वामन जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस पूजा से भक्तों की आत्मा शुद्ध होती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है.