Makar Sankranti: मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी का रिवाज है, लेकिन इस बार की मकर संक्रांति बेहद खास है. क्योंकि राजधानी रांची के आसमान में इस बार न सिर्फ राजनीतिक पतंग की उड़ान देखने को मिलेगी. बल्कि केंद्रीय एजेंसियां भी राजनीतिक पतंग की डोर काटने की कवायत में नजर आएंगे.
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रांचीः Makar Sankranti: मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी का रिवाज है, लेकिन इस बार की मकर संक्रांति बेहद खास है. क्योंकि राजधानी रांची के आसमान में इस बार न सिर्फ राजनीतिक पतंग की उड़ान देखने को मिलेगी. बल्कि केंद्रीय एजेंसियां भी राजनीतिक पतंग की डोर काटने की कवायत में नजर आएंगे. दरअसल, इस बार केंद्रीय जांच एजेंसियों की थीम पर पतंग की डिमांड काफी बढ़ गई है.
आज के इस डिजिटल युग में बच्चे मोबाइल की दुनिया में कैद हो गए हैं, लेकिन परंपराओं को आगे बढ़ाने की कवायत भी लगातार जारी है. मकर संक्रांति आने वाली है और इस दिन दही छुड़ा के साथ-साथ पतंगबाजी का भी अपना एक रिवाज है. इसी परंपराओं को आगे बढ़ते हुए रांची के लोग अपने और अपने बच्चों के लिए पतंग की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं. ताकि वह मोबाइल की दुनिया से निकलकर पतंग उड़ा सकें.
कई पुरुषों पतंग का कारोबार कर रहे. व्यापारी बताते हैं कि धीरे-धीरे अब यह परंपरा विलुप्त हो रही थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों से एक बार फिर इसका क्रेज देखने को मिल रहा है और इस बार अलग-अलग वैरायटी के पतंग लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. तो वहीं लटाई और धागा भी अलग-अलग मूल्य के उपलब्ध है.
वहीं इस मकर संक्रांति पर रांची के आकाश में जो पतंगबाजी होगी. वह अपने आप में अलग होने जा रही है क्योंकि इस बार तमाम सियासी दलों के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी पतंग की डिमांड बढ़ी है. लोग प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की थीम की पतंग की खरीदारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि ईडी और सीबीआई का नाम काफी सुना है, इसलिए इस बार वह यही पतंग उड़ाएंगे. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों से पेच लड़ा कर जीता जा सके.
अब देखना है कि किसका मांझा कितना मजबूत है और कौन कैसे पेंच लड़ाता है. लेकिन इतना साफ है कि मकर संक्रांति को लेकर उत्साह साफ देखा जा रहा है.
इनपुट- कामरान जलीली
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