Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने तोड़ा अनशन, गंगा में लगाई डुबकी, बिहार सत्याग्रह की शुरुआत
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Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने तोड़ा अनशन, गंगा में लगाई डुबकी, बिहार सत्याग्रह की शुरुआत

Prashant Kishor: जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने आज अपने आमरण अनशन को तोड़ दिया. इस दौरान उन्होंने गंगा नदी में डुबकी भी लगाई.

प्रशांत किशोर

पटना: 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द कराने के लिए छात्रों के समर्थन में 15 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने आज अपना अनशन तोड़ दिया. गुरुवार को पटना के एलसीटी घाट पर जन सुराज आश्रम में केला खाकर उन्होंने अपना आमरण अनशन समाप्त किया. इससे पहले उन्होंने पहले पवित्र नदी गंगा में डुबकी भी लगाई. अनशन समाप्त होने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि ये कोई रैली या प्रदर्शन नहीं है, पिछले 14 दिन से छात्रों के संघर्ष के समर्थन में जनसुराज परिवार की ओर से हमने एक कोशिश करी है. 29 तारीख को मेरे भरोसे पर छात्र इकट्ठा हुए थे. हमने कहा था पुलिस अभ्यर्थियों पर लाठी नहीं चलाएगी. लेकिन प्रशासन ने उस भरोसा को तोड़ा और बच्चों पर लाठीचार्ज हुआ.

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 2 तारीख से मैने आमरण अनशन शुरू किया. राज्यपाल और मुख्य सचिव भी बच्चों से मिले लेकिन सरकार की ओर से इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. आज न्यायालय में पूरे प्रकरण पर सुनवाई शुरू हुई है कुछ ही देर में न्यायालय का भी कुछ निर्णय आ जाएगा. विश्वास है कि छात्रों को न्यायालय से न्याय मिलेगा. आमरण अनशन के दौरान पांचवें छठे दिन गांधी मैदान में जो हुआ सबके सामने है.  4 से 5 दिन सोने और समझने के बाद हमने तय किया है कि सिर्फ अब छात्रों की लड़ाई लड़ने से बात नहीं बनेगी. बिहार में गांधी जी के बताए रास्ते को लेकर आगे चलने की जरूरत है. इसलिए आज से यहां से जनसुराज के साथियों के साथ और छात्र मित्रों के साथ हम सत्याग्रह की शुरुआत कर रहे हैं.

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गांधी मैदान से पुलिस ने उठा दिया लेकिन आश्रम में जो व्यवस्था हुई है यहीं पर हम रहेंगे. यहीं से सारा कार्यक्रम चलाया जाएगा. बिहार का हर वह व्यक्ति जो व्यवस्था से दुखी है और पीड़ित है उन सारे लोगों के लिए यह आश्रम आवाज बने. हम लोगों के दुख दर्द के साथी बने. इस संकल्प के साथ इस आश्रम का नाम बिहार सत्याग्रह आश्रम दिया है. ताकि बिहार के समाज के हर उसे वर्ग जिसके साथ व्यवस्था ने गलती की है वह यहां आ सके. बिना डरे हुए लोग यहां से बोलेंगे. कोई आवाज उठाता है तो सरकार उसको उपद्रवि बताता है. सरकार से परमिशन लेकर इस आश्रम को बनाया गया है.

इनपुट- निषेद

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