One Nation One Election: लोकसभा की बजट समिति, अनुमान समिति और भाजपा के मुख्य सचेतक डाॅ. संजय जायसवाल को एक और जिम्मेदारी दी गई है. अब वे वन नेशन वन इलेक्शन पर बनी संयुक्त संसदीय समिति के भी सदस्य बनाए गए हैं.
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Bihar News: पश्चिम चंपारण से सांसद और बिहार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल (Dr. Sanjay Jaiswal) को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली है. डाॅ. संजय जायसवाल को वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पर बनी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी (JPC) का सदस्य बनाया गया है. डाॅ. जायसवाल इस बिल पर आम राय बनाने और इसकी तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए काम करेंगे. समिति का अध्यक्ष भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को बनाया गया है. समिति में 39 सदस्य होंगे.
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इससे पहले डाॅ. संजय जायसवाल को लोकसभा की बजट समिति का चेयरमैन बनाया गया था. इसके अलावा डाॅ. जायसवाल को पार्टी ने लोकसभा में अपना मुख्य सचेतक भी नियुक्त किया है. डाॅ. संजय जायसवाल इससे पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के अलावा अनुमान समिति और शासी निकाय जेआईपीएमईआर पुड्डूचेरी के भी सदस्य रह चुके हैं. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार रात जेपीसी के गठन की घोषणा की. इसमें लोकसभा के 27 जबकि राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल होंगे.
जेपीसी में लोकसभा से भर्तृहरि महताब, पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, डाॅ. संजय जायसवाल, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टीएम सेवा गणपति, हरीश बालयोगी, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, सांभवी, के. राधाकृष्णन, चंदन चौहान और बालशौरि वल्लभनेनी को शामिल किया गया है. वहीं राज्यसभा से 12 सदस्य भी इसमें शामिल किए जाएंगे. अभी उन सदस्यों के नाम क्लीयर नहीं हुए हैं.
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बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को लोकसभा में 129वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया गया था. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पटल पर रखा, जिसका विपक्ष ने जमकर विरोध किया.
इसके बाद मोदी सरकार ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के पास भेज दिया. सरकार की सिफारिश पर जेपीसी का गठन हो गया है. अब जेपीसी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार इस बिल को फिर से पेश करेगी और दोनों सदनों में इस पर चर्चा के बाद मतदान कराया जा सकेगा.