Acharya Kishore Kunal: समधी मंत्री, बहू सांसद, बेटा भी नेता फिर खुद राजनीति में क्यों नहीं आए आचार्य किशोर कुणाल?
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Acharya Kishore Kunal: समधी मंत्री, बहू सांसद, बेटा भी नेता फिर खुद राजनीति में क्यों नहीं आए आचार्य किशोर कुणाल?

Acharya Kishore Kunal News: आचार्य किशोर कुणाल के समधी बिहार सरकार में मंत्री हैं. बहू समस्तीपुर से सांसद हैं और बेटे भी राजनीति में सक्रिय है. इसके बावजूद वे राजनीति में नहीं हैं.

आचार्य किशोर कुणाल

Acharya Kishore Kunal Passes Away: बिहार के पूर्व IPS अधिकारी और महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल के निधन से शोक की लहर है. कार्डियक अरेस्ट की वजह से उन्होंने आज (रविवार, 29 दिसंबर) सुबह महावीर वत्सला अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे अब समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अपने अभूतपूर्व कार्यों के लिए याद किए जाएंगे. बता दें कि जेडीयू के दिग्गज नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी आचार्य किशोर कुणाल के समधी हैं. यही नहीं समस्तीपुर से लोजपा-रामविलास की सांसद शांभवी उनकी बहू हैं और बेटे सायन कुणाल भी सक्रिय राजनीति में हैं. इसके बावजूद आचार्य किशोर कुणाल ने खुद को राजनीति से दूर रखा.

सियासी जानकारों का तो ये भी कहना है कि आचार्य किशोर कुणाल को बीजेपी से न्योता मिला था, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने से साफ इनकार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे कड़क और ईमानदार आईपीएस अधिकारी थे. वहीं आईपीएस की सेवा से रिटायर होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल ने आध्यात्म का मार्ग चुना. उन्होंने बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव रहते हुए समाज के लिए काफी अभूतपूर्व कार्य किए. पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर के माध्यम से उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर नेत्रालय, महावीर वात्सल्य अस्पताल जैसे कई धर्मार्थ अस्पतालों की स्थापना की और विभिन्न रूपों में बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्य किए.

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दलितों के उत्थान के लिए महावीर मंदिर में एक दलित पुजारी नियुक्त किया. साथ ही गरीब बच्चों के लिए पटना में ज्ञान निकेतन स्कूल की भी स्थापना की. कोई गरीब भूखा ना सोये इसके लिए संगत-पंगत की स्थापना की. बेटा-बहू के राजनीति में आने के बाद भी वे राजनीति से दूर रहे. जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव के वक्त शांभवी चौधरी के चुनावी रणनीतिकारों ने आचार्य किशोर कुणाल को सुझाव दिया था कि वे मतदान से पहले समस्तीपुर के प्रत्येक वोटर के घर में एक संदेश भिजवा दें. उनकी लोकप्रियता का चुनाव में बहुत बड़ा इंपैक्ट पड़ेगा. हालांकि, आचार्य किशोर कुणाल ने इससे साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि चुनावी जीत के लिए मैं अपने हनुमान जी के साथ छल नहीं कर सकता. हनुमान जी जरूर मेरी बहुरिया शांभवी को समस्तीपुर में जीत का आशीर्वाद देंगे.

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