Bihar Politics: कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह ने संसद में बाबासाहेब अंबेडकर का मजाक उड़ाया था और अब भाजपा इस यात्रा के जरिए उसकी भरपाई करने की कोशिश कर रही है.
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पटना: बिहार की राजनीति इन दिनों संविधान को लेकर गर्म है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 11 जनवरी से 25 जनवरी तक संविधान गौरव यात्रा शुरू की है, जबकि कांग्रेस पार्टी जल्द ही पटना में संविधान रक्षा सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. इस कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल होंगे. दोनों प्रमुख दलों द्वारा संविधान पर बड़े स्तर पर चर्चा शुरू होने से ऐसा प्रतीत होता है कि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है.
जदयू ने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि जिन लोगों ने देश में आपातकाल लगाया था, उन्हें संविधान की दुहाई देने का कोई अधिकार नहीं है. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में लोकतंत्र और संविधान को मजबूत किया गया है और स्वस्थ लोकतांत्रिक वातावरण बना है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा भ्रम फैलाने वालों को जवाब देने के लिए संविधान गौरव यात्रा कर रही है.
भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी को संविधान बचाने की बात करने से पहले अपने इतिहास को देखना चाहिए. उन्होंने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 45 बार चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त किए जाने का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर संवैधानिक मूल्यों को तोड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही सही मायनों में संविधान की रक्षा कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि अमित शाह ने संसद में बाबासाहेब अंबेडकर का मजाक उड़ाया था, और अब भाजपा यात्रा के जरिए डैमेज कंट्रोल कर रही है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दलित, वंचित और शोषित वर्गों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए पटना आ रहे हैं. कांग्रेस का संविधान रक्षा सम्मेलन इसी उद्देश्य को लेकर आयोजित किया जा रहा है.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि हाल के दिनों में केंद्र और राज्य सरकारों ने संवैधानिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास किया है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा को संविधान पर गौरव की बात करने से पहले खुद को स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि उनके बयान अक्सर बाबा साहेब और महात्मा गांधी के विचारों का अपमान करते हैं. संविधान पर यह तीखी बहस बिहार में राजनीतिक पारा चढ़ा रही है. दोनों दल अपने-अपने एजेंडे के जरिए जनता को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं.
इनपुट- सन्नी कुमार
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