Bihar B.Ed Appointment Cancelled: बिहार में बीएड पास 22 हजार टीचर अयोग्य, हाईकोर्ट ने रद्द की कक्षा एक से पांचवीं तक की नियुक्ति
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Bihar B.Ed Appointment Cancelled: बिहार में बीएड पास 22 हजार टीचर अयोग्य, हाईकोर्ट ने रद्द की कक्षा एक से पांचवीं तक की नियुक्ति

Patna High Court: बिहार में बीएड पास 22 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों पटना हाइकोर्ट ने अयोग्य करार कर दिया है. इन स्थानों पर अब फिर से नियुक्ति होगी.

Bihar B.Ed Appointment Cancelled: बिहार में बीएड पास 22 हजार टीचर अयोग्य, हाईकोर्ट ने रद्द की कक्षा एक से पांचवीं तक की नियुक्ति

पटना: Patna High Court: बिहार में बीएड पास 22 हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों को पटना हाइकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. हाइकोर्ट ने कक्षा 1 से 5 तक के नियोजित बीएड पास शिक्षकों को अयोग्य करार कर दिया है. इन सभी शिक्षकों की नियुक्ती छठे चरण के तहत की गई थी. इस फैसले को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनाया है. चीफ जस्टिस की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि, संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से हम बंधे हुए है. इसका पालन राज्य को भी करना होगा. माननीय सर्वोच्च न्यायालय की पीछ ने क्लास एक से पांच तक की शिक्षक नियुक्ति के संबंध में स्पष्ट फैसला सुनाया है. ऐसे में बीएड पास उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रुप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है.

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिनव ने इस मामले में कहा कि हाईकोर्ट ने कहा कि जो लोग डीएलएड पास होंगे, वही प्राथमिक शिक्षक बन सकते है. सरकार ने पहले इन्हें प्राथमिकता देने की बात कही थी. हाईकोर्ट ने इसपर कहा कि जो लोग डीएलएड डिग्री धारक होंगे, वही प्राथमिक शिक्षक बन पाएंगे. बेंच ने अफने आदेश में कहा है कि छठे चरण में सरकार ने क्लासस एक से पांच तक के बीएड पास शिक्षकों की जो नियुक्ति की थी, उसे रद्द करना होगा.उन नियुक्तियों को फिर से भरना होगा.

वहीं प्राथमिक शिक्षकों का कहना है कि अभी ऑर्डरशीट आया नहीं है. केवल अफवाह उड़ाया गया है. 2022 में छठे चरण में कुल 42 हजार नियोजित शिक्षक बहाल किए गए थे. इसमें 22 हजार नियोजित शिक्षक एक से पांच वर्ग तक के लिए बहाल हुए थे.नियोजित शिक्षकों का सरकार द्वारा बहाली के दो वर्ष के अंदर ब्रिज कोर्स करवाना था. बिहार सरकार ने अब तक ये कोर्स नहीं करवाया है. सरकार को यह कोर्स नियुक्ति के दो वर्ष के अंदर ही करावाना था.

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