पिंडदान की अवधि में 15 दिन गया के विष्णुपद मंदिर के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र रहता है. इस दौरान में पहले के लोगों को वीआईपी पास दिया जाता था. इस पर कई लोगों के द्वारा आपत्ति जताई गई है.
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गया: गया के पितृपक्ष मेला में देश-विदेश के कोने-कोने से लोग पिंडदान करने आते हैं. पिंडदान की अवधि में 15 दिन गया के विष्णुपद मंदिर के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र रहता है. इस दौरान में पहले के लोगों को वीआईपी पास दिया जाता था. इस पर कई लोगों के द्वारा आपत्ति जताई गई. उनका कहना था कि पिंडदान करने लोग जिस रास्ते से जाते हैं, वह बहुत ही सकरा है.
वीआईपी वाहन पास दिए जाने के कारण वीआईपी गाड़ियों से खचाखच भीड़ वाले उस रास्ते में पिंडदानियों को लगातार परेशानी होती है. इस कारण कई लोगों द्वारा वीआईपी पास बंद किए जाने की मांग उठाई गई है.
बैठक में सभी लोगों द्वारा कहा गया की पितृपक्ष के समय में गया शहरवासियों के लिए देश एवं विदेश के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्री ही वीआईपी होते हैं, जो पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं, उन्हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए इसलिए खचाखच भीड़ वाले उन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी पास की व्यवस्था को हटाना चाहिए.
कुछ सदस्यों के द्वारा बताया गया की मेला क्षेत्र के इन भीड़भाड़ वाले जगहों पर जब भी वीआईपी पास वाले गाड़ियां आती हैं तो लगातार हॉर्न बजाकर उन्हें हटाया जाता है, यह कहीं से भी उचित नहीं है. इसलिए सदस्यों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई कि इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए. इस क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हार्म जोन, नो पोलूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जा सके.
बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि बुजुर्गों एवं दिव्यांगों के लिए नि: शुल्क ई रिक्शा की व्यवस्था की जानी चाहिए एवं आवश्यकता अनुसार ई-रिक्शा से मंदिर तक जा सके.
(इनपुट-स्वयं प्रकाश)