Akshay Navami 2023: बिहार में अक्षय नवमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इसे लेकर शहर के जाफरगंज स्थित विष्णु मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है.
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जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में अक्षय नवमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इसे लेकर शहर के जाफरगंज स्थित विष्णु मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है. अक्षय नवमी को लेकर महिलाओं ने उपवास रखकर आंवला के पेड़ के नीचे एक सौ आठ बार परिक्रमा कर आंवला का पूजा-अर्चना कर भगवान विष्णु से सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की, साथ ही विशेष रूप से दान-पुण्य भी किया. वहीं अक्षय नवमी को लेकर मंदिर परिसर एवं आसपास का नजारा पूरा मेला जैसा दिख रहा है.
श्रद्धालुओं ने बताया कि आज अक्षय नवमी है. आज के दिन आंवला के पेड़ के नीचे पूजा अर्चना करने और गुप्त दान करने से घर मे सुख समृद्धि प्राप्त होती है. इसे लेकर हमलोग अवाला के पेड़ के नीचे पूजा अर्चना कर भुआ दान करते है और खूब एन्जॉय भी करते है.
इधर मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस मौके पर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. अक्षय नवमी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। आवंले के पेड़ की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु आंवला में वास करते हैं. इसलिए इस पेड़ की पूजा करने पर पुण्य मिलता है.
वहीं अक्षय नवमी को लेकर बिहारशरीफ में मंगलवार की सुबह आंवला के पेड़ के नीचे सुहागिन महिलाएं एवं कुंवारी कन्याओं की भीड़ देखी गई. दरअसल छठ पूजा के अगले दिन और दीपावली के आठ दिन बाद अहले सुबह पति की लंबी आयु एवं परिवार की सुख शांति के लिए आंवला के पेड़ के नीचे महिलाओं के द्वारा आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है एवं पेड़ के नीचे खिचड़ी या रसिया बनाती है.
आपको बता दे कि संतान प्राप्ति, सुख सौभाग्य, समृद्धि के लिए रखे जाने वाला यह व्रत मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा के लिए भी खास है. कहा जाता है कि आंवले के पेड़ में साक्षात भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है. इस दिन पूजा के लिए महिलाएं आंवला नवमी के दिन स्नान करके किसी आंवला वृक्ष के पास साफ सफाई करके वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल अर्पित करती हैं.
इनपुट- मुकेश कुमार/ऋषिकेश
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