Holi 2023: होली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. देश के अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग रंग रूप देखने को मिलते हैं. वहीं देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामना लिंग बाबा बैद्यनाथ धाम की होली काफी अनोखा और अलग होती है.
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देवघरः Holi 2023: होली का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. देश के अलग-अलग जगहों पर इसके अलग-अलग रंग रूप देखने को मिलते हैं. वहीं देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामना लिंग बाबा बैद्यनाथ धाम की होली काफी अनोखा और अलग होती है. बाबा बैद्यनाथ धाम की होली देखने लोग दूर-दूर से आते है. इस साल बाबा नगरी में होली का त्योहार 6 और 7 मार्च को मनाया जायेगा. बाबा मंदिर में इसकी तैयारी शुरू हो गई है.
वहीं मिली जानकारी के मुताबिक पहली बार सूखी होली के दौरान 6 मार्च को बाबा की शृंगार पूजा नहीं होगी. दरअसल, बाबा मंदिर की परंपरा हरिहर मिलन का समय बदल जाने के वजह से बाबा की शृंगार पूजा नहीं होगी. इसके साथ-साथ हरिहर मिलन के साथ बाबा बैद्यनाथ का स्थापना दिवस मनाया जायेगा.
6 मार्च से होगी होली प्रारंभ
बाबा बैद्यनाथ मंदिर की परंपरा के अनुसार 6 मार्च को पूर्णिमा तिथि का प्रवेश शाम 4:20 बजे होगा और साढ़े चार बजे के करीब बाबा मंदिर के पट खोले जाएंगे. जिसके बाद गर्भ गृह में मंदिर महंत बाबा पर गुलाल अर्पित कर बाबा नगरी देवघर में होली का प्रारंभ करेंगे. मंदिर महंत के गुलाल चढ़ाने के बाद शहर के लोग बाबा को गुलाल चढ़ाने पहुंचेंगे.
विशेष मालपुए का लगेगा भोग
वहीं जानकारी के मुताबिक राधाकृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण यानी हरि को पालकी पर बैठा के मंदिर की परिक्रमा की जाएगी और इसके बाद रास्ते में पालकी पर लोग बाबा को गुलाल अर्पित करेंगे. इस पालकी को आजाद चौक स्थित दोल मंच पर लाकर पूरी रात उन्हें झुलाया जाएगा और हर चौराहे पर विशेष मालपुए का भोग लगाया जाएगा.
इस वजह से नहीं होगी श्रृंगार पूजा
बता दें कि सोमवार को बाबा के पट पूरी रात खुले रहेंगे. हालांकि इस दिन बाबा का श्रृंगार पूजा नहीं होगी. इसके बारे में जानकारी एस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने दी है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को ही पूर्णिमा का प्रवेश हो रहा है. भगवान को उसी दिन परंपरा अनुसार गुलाल अर्पित करने के पश्चात दोल मंच के लिए प्रस्थान कराया जायेगा. इसके बाद अगले दिन मंगलवार को पौने पांच बजे शुभ तिथि पर हरिहर मिलन कराया जाएगा. इसी वजह से इस साल बाबा की शृंगार पूजा नहीं होगी. वहीं सुबह हरिहर पूजा होने के बाद थोड़ी देर के लिए पथ बंद कर दिए जाएंगे.
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