Kedarnath Yatra 2023: बीकेटीसी की यह सफाई पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी के सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो पर आया है, जिसमें उन्होंने गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत की जगह पीतल चढ़ाने और इसमें सवा अरब रुपये का घोटाला किए जाने का आरोप लगाया था.
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Uttarakhand News: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) ने रविवार को षडयंत्र बताया. बीकेटीसी ने रविवार को कहा कि यात्रा को प्रभावित करने और धाम की छवि को खराब करने के लिए भ्रम फैलाया जा रहा है. मंदिर समिति ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है, जिसमें सोशल मीडिया पर भ्रम और दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी.
समिति ने साफ किया कि सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर उसे जड़ने तक का पूरा काम दानदाता ने खुद कराया. इसमें मंदिर समिति की कोई भूमिका नहीं थी.
समिति ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित किए जाने पर सोशल मीडिया में फैलाए जा रहे भ्रम को षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि चारधाम खासतौर पर केदारनाथ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालु क्षुद्र राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं. ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने और केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं.
भक्त ने जताई थी इच्छा
समिति ने कहा कि एक दानदाता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की इच्छा जताई थी, जिसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति ने नियमानुसार उसे ऐसा करने की इजाजत दी थी और इसके लिए राज्य सरकार से भी मंजूरी ली थी.
बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख-देख में पिछले साल मंदिर को स्वर्ण मंडित करने का काम हुआ. समिति ने कहा कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का काम दान देने वाले ने खुद किया. उसने अपने स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं. दान दाता ने अपने स्वर्णकार से ही इन प्लेट्स को मंदिर में स्थापित कराया.
मंदिर समिति ने यह भी बताया कि काम होने के बाद दानदाता ने गर्भ गृह में लगाए गए स्वर्ण और तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल समिति को दे दिए जिन्हें नियमानुसार दर्ज किया गया है.
नहीं रखी कोई भी शर्त
समिति ने यह भी साफ किया कि इस कार्य के लिए दानदाता या किसी फर्म ने बीकेटीसी के सामने किसी तरह की शर्त नहीं रखी और न ही दान दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा-80जी का सर्टिफिकेट मांगा.
यह भी बताया गया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया, जिसका वर्तमान मूल्य करीब 14.38 करोड़ रुपये है, जबकि स्वर्णमंडित काम के लिए इस्तेमाल तांबे की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है जिसकी कुल कीमत 29 लाख रुपये है. समिति ने इस बात का खंडन किया कि केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में एक अरब 15 करोड़ रुपये का खर्च आया.
समिति ने साफ किया कि इसी दानदाता ने 2005 में श्री बदरीनाथ मन्दिर गर्भगृह को भी स्वर्णजड़ित किया था.
क्यों देनी पड़ी सफाई
बीकेटीसी की यह सफाई पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी के सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो पर आया है, जिसमें उन्होंने गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत की जगह पीतल चढ़ाने और इसमें सवा अरब रुपये का घोटाला किए जाने का आरोप लगाया था.
त्रिवेदी ने वीडियो में राज्य सरकार से उसकी जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. त्रिवेदी ने यह भी कहा था कि अगर इस संबंध में जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो तीर्थ पुरोहित इस घोटाले को लेकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.
(इनपुट-एजेंसियां)