">अब समय आ गया है..., अमित शाह ने भारतीय जवानों को बता दिया अगला टारगेट, दो पड़ोसी देशों की खैर नहीं
Amit Shah SSB Credits for securing borders: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेपाल एवं भूटान जैसे मित्र देशों से लगीं देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और बिहार एवं झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए शुक्रवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की सराहना की. इसके साथ ही एक बात और कही कि अब समय आ गया है. जानें क्या है इसका मतलब. किस तरफ है इशारा.
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SSB played key role in securing borders: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेपाल एवं भूटान जैसे मित्र देशों से लगीं देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और बिहार एवं झारखंड में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए शुक्रवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की सराहना की. शाह ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एसएसबी के 61वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल और भूटान जैसे मित्र देशों से लगी हमारी सीमाओं को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसकी सतर्कता और उपस्थिति ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर और पूर्वी क्षेत्र में सुरक्षा की भावना सुनिश्चित की है.’’
एसएसबी की अमित शाह ने क्यों तारीफ की?
वामपंथी उग्रवाद से निपटने में एसएसबी के प्रयासों का उल्लेख करते हुए गृहमंत्री ने कहा, ‘‘एसएसबी ने बिहार और झारखंड में नक्सलवाद को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अन्य सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय पुलिस के साथ उनके सक्रिय सहयोग ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी गतिविधियों को काफी हद तक कमजोर कर दिया है.’’ इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि दो पड़ोसी देशों के साथ सीमा के माध्यम से घुसपैठ को पूरी तरह से रोक दिया जाए. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नेपाल और भूटान की सीमाओं के माध्यम से तस्करी के प्रयास लगभग बंद हो गए हैं.
अमित शाह ने क्यों कहा कि अब समय आ गया?
शाह ने कहा, "अब समय आ गया है कि दो मित्रवत पड़ोसियों के साथ हमारी सीमाओं के माध्यम से घुसपैठ को पूरी तरह से रोक दिया जाए. हमें भारत को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सीमा पार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को पकड़ना होगा." उन्होंने कहा, "देश के गृह मंत्री को नेपाल और भूटान के साथ भारत की 2,450 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. एसएसबी के जवान इन इलाकों की सुरक्षा कर रहे हैं. बिना बाड़ वाली सीमाओं के ज़रिए मादक पदार्थों, हथियारों और मानव तस्करी की हमेशा से ही प्रवृत्ति रही है. एसएसबी के जवानों ने ऐसी कोशिशों को रोका है." उन्होंने दावा किया कि एसएसबी जवानों की लंबी निगरानी के बाद बिहार और झारखंड "माओवादी विद्रोहियों से मुक्त" हो गए हैं. उन्होंने कहा, "झारखंड और बिहार में एसएसबी ने माओवादियों से निपटने में अहम भूमिका निभाई है. इन इलाकों में आंदोलन लगभग खत्म हो चुका है.
600 से ज़्यादा विद्रोहियों को गिरफ़्तार किया गया
पिछले सात सालों में 600 से ज़्यादा विद्रोहियों को गिरफ़्तार किया गया है और 15 को मार गिराया गया है. इस दौरान 28 माओवादी विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया है." शाह ने कहा, "एसएसबी ने छत्तीसगढ़ में भी माओवादी गतिविधियों को कमज़ोर किया है." उन्होंने कहा कि एसएसबी ने 2024 में 4,000 तस्करों और तस्करों को गिरफ्तार किया है और 16,000 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किए हैं.
बंगाल में 936 किलोमीटर की सीमा की रक्षा कौन करता है?
शाह ने सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों की सुरक्षा में एसएसबी की रणनीतिक और महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि महानंदा और तीस्ता नदियों के बीच स्थित सिलीगुड़ी कॉरिडोर एक महत्वपूर्ण मार्ग है जो पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है. उन्होंने कहा, "एसएसबी इस सड़क पर शांति बनाए रखता है, जिससे सुगम परिवहन संभव होता है. ऐसे क्षेत्र में एसएसबी की मौजूदगी पूरे देश के लिए निश्चिंत रहने और राहत की सांस लेने का कारण रही है." शाह ने बीएसएफ के अधिकारियों से भी मुलाकात की, जो उत्तर बंगाल में 936 किलोमीटर की सीमा की रक्षा करते हैं. उन्होंने पेट्रापोल एकीकृत चेक पोस्ट पर बीएसएफ कर्मियों के लिए आवास सुविधाओं का वर्चुअल उद्घाटन भी किया.