Syria News in Hindi: सीरिया में राष्ट्रपति बशर असद इस महीने की शुरुआत में दमिश्क पर विद्रोही गुटों के कब्जे के बाद मास्को भाग चुके हैं. सीरिया के लोगों के सामने एक नई परेशानी मुंह बाए खड़ी है: महंगाई. रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. एक कप कॉफी के लिए आपको 25,000 सीरियाई पाउंड (1.92 USD, लगभग 850 रुपये) चुकाने पड़ सकते हैं. एलोना काराफिन नाम की ट्रैवल व्लॉगर ने अपने वीडियो में दुनिया को सीरिया की आर्थिक चुनौतियों से रूबरू कराया है. एलोना के मुताबिक, उन्हें सीरिया में भयंकर मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ा, खास तौर पर खाने-पीने के मामले में.
सीरिया में दैनिक लेन-देन लगभग पूरी तरह से नकदी पर आधारित है. एलोना के वीडियो में, उन्होंने बताया कि सीरियाई रेस्टोरेंट्स के मेनू में रेट लिस्ट नहीं दिखी. यह अब सीरिया में आम बात है. इसकी वजह है कि देश में कीमतें इतनी बार बदलती हैं कि उनकी लिस्ट मेंटेन कर पाना व्यावहारिक रूप से असंभव है. उन्होंने एक उदाहरण दिया कि एक कप कॉफी की कीमत चौंका देने वाली है: 25,000 सीरियाई पाउंड.
कभी 1 अमेरिकी डॉलर को 50 सीरियाई पाउंड के बराबर माना जाता था, लेकिन अब 1 डॉलर का मतलब 15,000 सीरियाई पाउंड हो गया है. सीरियाई करेंसी के इस डीवैल्युएशन ने कॉफी सहित रोजमर्रा की वस्तुओं को अधिकांश लोगों के लिए लग्जरी बना दिया है.
13 साल से गृहयुद्ध में उलझा यह देश पिछले कुछ वर्षों में अपेक्षकृत शांत रहा लेकिन 2024 में हालात बदल गए. विद्रोही गुटों ने नंवबर में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल सद के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया. लंब समय से विद्रोहियों का सफलतापूर्व मुकाबला करने वाले असद इस बार अपनी सत्ता नहीं बचा पाए. 8 दिसंबर को उन्हें सत्ता छोड़कर भागना पड़ा. फिलहाल सीरिया का भविष्य अधर में है. विश्लेषक मानते हैं कि सीरिया के लिए आने वाला समय बेहद कठिन है, यह भी कहना मुश्किल है कि क्या सीरिया एक रह पाएगा.
विद्रोही गुटों ने 8 दिसंबर को सीरियाई राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद राष्ट्रपति असद के देश छोड़ कर भाग गए. 59 वर्षीय बशर अल-असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी. 11 दिनों की आक्रामकता के बाद, इस्लामिक समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व वाले एक विद्रोही गठबंधन ने असद को सत्ता से हटा दिया.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के दूत ने असद के सत्ता से बेदखल होने के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों को शीघ्र खत्म करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बशर असद के पतन के बाद देश के नए नेताओं, क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियों ने आगे की राह बनानी शुरू कर दी है.
2011 में शांतिपूर्ण सरकार विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ असद की क्रूर कार्रवाई के परिणामस्वरूप सीरिया को सालों से अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के सख्त प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. ये विरोध-प्रदर्शन बाद में गृह युद्ध में तब्दील हो गए थे.
2011 के सीरियाई सिविल वॉर में लगभग पांच लाख लोग मारे गए और विस्थापन के कारण देश की युद्ध-पूर्व आबादी 2.3 करोड़ से घटकर आधी रह गई. बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद 9-13 दिसंबर के बीच 7,621 सीरियाई नागरिक स्वेच्छा से अपने वतन लौट आए. तुर्की में अभी भी करीब 2.95 मिलियन सीरियाई हैं. अस्थायी संरक्षण में रह रहे लोगों में से करीब 1.25 मिलियन मूल रूप से सीरिया के अलेप्पो क्षेत्र के हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के मुताबिक तुर्की और लेबनान, बशर अल-असद के पतन के बाद सीरिया से जुड़े मसलों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं. एर्दोगन ने बुधवार को लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा, 'सीरिया में एक नए युग की शुरुआत हो गई है. सीरिया के दो प्रमुख पड़ोसियों के रूप में, हम इस बात पर सहमत हैं कि हमें मिलकर काम करना चाहिए.'
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, 'सीरिया की स्थिरता क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्धग्रस्त सीरिया का पुनर्निर्माण दोनों देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. (एजेंसी इनपुट)
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