महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंची 'अगरबत्ती की आग', विवाद के चलते सरकारी अफसर सस्पेंड
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महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंची 'अगरबत्ती की आग', विवाद के चलते सरकारी अफसर सस्पेंड

Maharashtra Agarbatti: महाराष्ट्र में अगरबत्ती को लेकर एक विवाद इतना बढ़ गया कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विधानसभा के अंदर इस मुद्दे पर बोलना पड़ गया. साथ ही एक सरकारी कर्मचारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है. 

महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंची 'अगरबत्ती की आग', विवाद के चलते सरकारी अफसर सस्पेंड

Maharashtra: मुंबई की एक हाई राइज सोसायटी में अगरबत्ती को लेकर हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि मामला राज्य की विधानसभा तक पहुंच गया. अगरबत्ती जलाने को लेकर हुए विवाद के हिंसक रूप लेने के बाद तीन लोग घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है. कल्याण की अजमेरा हाइट्स सोसायटी में गुरुवार रात को हुई इस घटना ने मराठी और गैर-मराठी निवासियों के बीच बढ़ते तनाव को सामने ला दिया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है.

धुएं को लेकर हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक विवाद तब शुरू हुआ जब सोसायटी में रहने वाले सरकारी अधिकारी अखिलेश शुक्ला ने अपने अपार्टमेंट के बाहर अगरबत्ती जलाई. बताया जा रहा है कि इस अगरबत्ती के धुएं से पड़ोसी परेशान हो गए, जिसकी वजह से एक अन्य निवासी विजय कल्विकटे ने शुक्ला से ऐसा न करने का अनुरोध किया. मामूली असहमति के रूप में शुरू हुआ यह विवाद तब कंट्रोल से बाहर हो गया जब शुक्ला ने कथित तौर पर 10 से 15 लोगों के एक समूह को बुलाया. 

लोहे की रॉड से लैस लोगों ने किया हमला

हैरानी इस बात की है कि ये लोग लोहे की छड़ों से लैस थे और इन्होंने विजय कल्विकटे और अभिजीत देशमुख समेत दो अन्य लोगों पर बेरहमी से हमला किया. देशमुख के सिर में गंभीर चोटें आईं और उन्हें फिलहाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि कल्विकटे और दूसरे निवासी धीरज देशमुख को कम गंभीर चोटें आईं हैं. हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे लोगों में गुस्सा फैल गया है.

पुराना मामला खुलकर आया सामने

अजमेरा हाइट्स के निवासियों ने शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन पर दूसरों को डराने के लिए सरकारी कर्मचारी के रूप में अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है. शुक्ला कथित तौर पर उत्पीड़न की पिछली घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिसमें एक युवती को उसके पिता की मौजूदगी में धमकी देना भी शामिल है. उनका दावा है कि उनके कामों ने समाज में भय का माहौल पैदा किया है, जिससे अन्य लोग उनके खिलाफ बोलने से हतोत्साहित हो रहे हैं.

विधानसभा में उठा मामला

मराठी और गैर मराठी होने के चलते यह यह मामला राज्य विधानसभा में भी खूब उछला. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और अखिलेश शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है. फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा,'मुंबई और महाराष्ट्र मराठी लोगों का कहा कि अगर कोई उनके खिलाफ गलत बर्ताव करता है तो उसे सबक सिखाना ही होगा. हमारी राष्ट्रीय और प्रांतीय दोनों पहचान है.

पुलिस की कार्रवाई

महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एमटीडीसी) के कर्मचारी शुक्ला ने घटना के कुछ घंटों बाद मुंबई पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. सुमित जाधव और दर्शन बोराडे नामक उनके दो साथी पहले से ही पुलिस हिरासत में हैं. पुलिस ने शुक्ला और उनकी पत्नी गीता (45) के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351 (3) (आपराधिक धमकी), 189 (2) (3) और (5) (अवैध रूप से एकत्र होना) और अन्य के तहत मामला दर्ज किया है.

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