महाकुंभ में अखिलेश यादव को डुबकी लगाने में क्या परेशानी हुई? जैसे ही बोले, 'परिवार' ने ही सुना दिया
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महाकुंभ में अखिलेश यादव को डुबकी लगाने में क्या परेशानी हुई? जैसे ही बोले, 'परिवार' ने ही सुना दिया

Akhilesh Yadav takes holy dip in Maha Kumbh: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आस्था के पर्व महाकुंभ में जैसे ही संगम तट पर डुबकी लगाई, उसके बाद सपा (SP) की मीडिया सेल से एक ऐसा पोस्ट हुआ कि नेटिजंस भड़क गए और सपा के नेताओं को महाकुंभ (Mahakumbh) के नाम पर सियासत करने की वजह से घेरने लगे.

महाकुंभ में अखिलेश यादव को डुबकी लगाने में क्या परेशानी हुई? जैसे ही बोले, 'परिवार' ने ही सुना दिया

Akhilesh Yadav dip in Maha Kumbh: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आस्था के पर्व महाकुंभ में संगम तट पर डुबकी लगाई. समाजवादी पार्टी के 'X' हैंडल (@samajwadiparty) से फौरन तस्वीरें शेयर की गईं. सोशल मीडिया पर इसका ठीक-ठाक रिएक्शन देखने को मिला. आगे सपा मीडिया सेल (SamajwadiPartyMediaCell) से एक और पोस्ट की गई जिसमें महाकुंभ (Mahakumbh) के इंतजामों के लिए पुराने आंकणे के हवाले से ज्ञान दिया गया तो नेटिजंस भड़क गए. लोग समाजवादी पार्टी के नेताओं पर धार्मिक आयोजन में भी सियासत करने का आरोप लगाने लगे. अब पहले ये पढ़िए कि सपाइयों की मीडिया सेल के हैंडल से क्या लिखा गया कि लोगों ने क्लास लगा दी.

महाकुंभ पर सपा ने की सियासत, बोले - #नहीं_चाहिए_भाजपा; नेटिजंस ने लगा दी क्लास    

पोस्ट में लिखा गया, 'अखिलेश यादव ने कहा है कि उनके कार्यकाल में तो मात्र 800-1000 करोड़ का सरकारी बजट में ही शानदार कुंभ आयोजन हो गया था. साधु-सन्यासी और आमजन सबको संतुष्टि और सुविधाएं एवं सुरक्षा मिली थी. लेकिन आज जबकि योगी सरकार/बीजेपी वालों की सरकार है, ऐसे में करीब 10000 करोड़ के बजट के बावजूद साधु संन्यासियों को कोई सुविधा या सुरक्षा जैसा लाभ नहीं मिल रहा है, उलटे उनसे वसूली की जा रही है. महंगाई एवं वसूली और असुविधा से आम जनता परेशान है. कई कई किलोमीटर पैदल चलकर ,सामान सर पर रखकर श्रद्धालुओं को कुंभ आना पड़ रहा है और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीएम योगी भ्रष्टाचार करने के बजाय जनता के दुख दर्द समस्याओं असुविधाओं को समझें और निवारण करें लेकिन वे सिर्फ बजट के भ्रष्टाचार पर अपना पूरा ध्यान लगा रहे हैं.#नहीं_चाहिए_भाजपा

अखिलेश यादव के हवाले से लिखा गया- 'मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि बुजुर्ग, महिलाएं, पुरुषों को काफी दूर से चलकर आना पड़ रहा है. इतना पैसा खर्चा हो रहा है तो ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए थी कि बुजुर्गों को ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ता'.

इसके बाद अनगिनत लोगों ने अखिलेश के डुबकी लगाने को सियासी स्टंट बताते हुए इसे मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव से भी जोड़ दिया. सैकड़ों लोगों ने ऐसी-ऐसी बातें लिख दीं कि हम आपको क्या ही बताएं? आप खुद ही सर्च करके उन्हें पढ़ लीजिए.

'फैमिली' ने दिया जवाब

इस पोस्ट के आने के बाद सपा सुप्रीमो की 'फैमिली' की सदस्य और उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष और बीजेपी नेता अपर्णा बिष्ट यादव ने 25 और 26 दिसंबर को चली गतिविधियों का हवाला देते हुए मीडिया से बातचीत में उनका नाम लिए बगैर सबकुछ कह दिया.

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