मोटापे के खिलाफ वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है. अब पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके दिमाग और पेट दोनों को हेल्दी बना सकता है और मोटापे से लड़ने में भी मदद कर सकता है.
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मोटापे के खिलाफ वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है. अब पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (रुक-रुक कर खाना) आपके दिमाग और पेट दोनों को हेल्दी बना सकता है और मोटापे से लड़ने में भी मदद कर सकता है. इस शोध में चीन के वैज्ञानिकों ने 25 मोटे लोगों को शामिल किया और उन पर 62 दिनों तक इंटरमिटेंट एनर्जी रेस्ट्रिक्शन (IER) प्रोग्राम लागू किया. इस प्रोग्राम में खाने की मात्रा को कंट्रोल करते हुए समय-समय पर उपवास किया गया.
शोध के नतीजे चौंकाने वाले रहे! ना सिर्फ सभी लोगों का औसतन 7.6 किलो वजन कम हुआ, बल्कि उनके दिमाग की गतिविधि और पेट के बैक्टीरिया में भी काफी बदलाव देखा गया. अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता, किआंग जेंग ने बताया कि हमने पाया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग की आदत से जुड़े दिमाग के हिस्सों और पेट के बैक्टीरिया को प्रभावित करता है. वजन कम होने के दौरान और बाद में इन दोनों चीजों में लगातार बदलाव होते रहते हैं. हालांकि यह ठीक से पता नहीं चल पाया है कि ये बदलाव कैसे होते हैं, पर यही ये स्पष्ट है कि दिमाग और पेट का गहरा संबंध है.
दिमाग के हिस्सों में आया बदलाव
इस अध्ययन में ब्रेन स्कैन से पता चला कि भूख को कंट्रोल करने और लत लगने से जुड़े दिमाग के कुछ हिस्सों में गतिविधि में बदलाव आया है. खासकर, इनफेरियर फ्रंटल ऑर्बिटल गाइरस नाम के हिस्से में हुए बदलाव से ये संकेत मिलते हैं कि दिमाग वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वहीं, मल के नमूनों और ब्लड टेस्ट से पता चला कि पेट के बैक्टीरिया में भी बदलाव आए हैं और ये बदलाव दिमाग के कुछ खास हिस्सों से जुड़े हुए हैं.
वजन कंट्रोल करने में मदद
कॉपरोकोकस और यूबैक्टीरियम हल्ली जैसे कुछ बैक्टीरिया लेफ्ट इनफेरियर फ्रंटल ऑर्बिटल गाइरस से जुड़े पाए गए हैं, जो खाने की इच्छा को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दुनिया भर में अरबों लोग मोटापे की वजह से होने वाली बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में दिमाग और पेट के इस रिश्ते को समझना मोटापे को रोकने और कम करने के लिए बहुत जरूरी है.
डॉक्टर की सलाह
इंटरमिटेंट फास्टिंग का तरीका दिमाग और पेट दोनों को स्वस्थ बनाता है और वजन कम करने में भी मदद कर सकता है. हालांकि, डॉक्टर की सलाह लेना और अपने शरीर के हिसाब से सही आहार चुनना जरूरी है. इस नई खोज से मोटापे से लड़ने की उम्मीद जगी है. भविष्य में इस खोज के आधार पर ऐसी डाइट और उपचार विकसित किए जा सकते हैं जो हमें न सिर्फ स्वस्थ रखें बल्कि मोटापे की समस्या से भी निजात दिलाएं.