Analysis: पाकिस्तान को 'ना', बांग्लादेश पर 'गुफ्तगू'; जयशंकर ने अमेरिका में एक तीर से साधे कई निशाने
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Analysis: पाकिस्तान को 'ना', बांग्लादेश पर 'गुफ्तगू'; जयशंकर ने अमेरिका में एक तीर से साधे कई निशाने

India-US Relation: विदेश मंत्री जयशंकर 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका में थे. उन्होंने मंगलवार को नए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लिया. इसके तुरंत बाद रुबियो के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक की थी. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई.

Analysis: पाकिस्तान को 'ना', बांग्लादेश पर 'गुफ्तगू'; जयशंकर ने अमेरिका में एक तीर से साधे कई निशाने

Jaishankar US visit: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में एक तीर से कई निशाने साधे हैं. इसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल है. अमेरिका में ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी क्लियर कर दिया है कि भारत उन भारतीय नागरिकों की वैध वापसी के लिए तैयार है जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि हमारे नागरिक जो किसी देश में अवैध रूप से रह रहे हैं और उनकी पहचान सत्यापित की जा सकती है तो तो उनकी वैध वापसी के लिए भारत हमेशा तैयार है. इसके अलावा जयशंकर ने कहा है कि पिछले साल के बाद से पाकिस्तान के साथ व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई है और न ही उनकी तरफ से कोई पहल की गई है. इससे पहले जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत में बांग्लादेश समेत कई मुद्दों पर चर्चा की है. 

असल में विदेश मंत्री जयशंकर 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका में थे. उन्होंने मंगलवार को नए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी भाग लिया. इसके तुरंत बाद रुबियो के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक की थी. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ बैठक में जयशंकर ने अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में लंबी प्रतीक्षा अवधि की समस्या को भी उठाया. 

पाकिस्तान के साथ व्यापार पर रुख
जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ फिर से व्यापार शुरू करने को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि भारत ने कभी भी पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद नहीं किया, बल्कि 2019 में पाकिस्तान सरकार ने ही इसे बंद करने का फैसला किया था. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा दिया था, लेकिन पाकिस्तान ने यह दर्जा भारत को नहीं दिया. उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान द्वारा व्यापार और राजनयिक संबंध खत्म करने के फैसले को भी रेखांकित किया.

बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ संक्षिप्त चर्चा की. भारतीय पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह चर्चा सीमित थी और इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा. हालांकि उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव जैसे मुद्दों पर चर्चा की संभावना को भी संकेतों में स्पष्ट किया.

भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमलों का मामला
जयशंकर ने कहा कि सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के मामले में भारत जवाबदेही की उम्मीद करता है. उन्होंने इसे ‘बहुत गंभीर मामला’ बताते हुए कहा कि ऐसे हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए. उन्होंने मार्च 2023 में हुए हमलों और उसके बाद जुलाई में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हिंसक प्रयासों का भी जिक्र किया.

अमेरिकी वीजा और भारतीय नागरिकों की वापसी पर चर्चा
अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ बैठक में जयशंकर ने अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में लंबी प्रतीक्षा अवधि की समस्या को उठाया. उन्होंने इसे ‘400 से अधिक दिनों’ की प्रतीक्षा अवधि को किसी भी रिश्ते के लिए अनुकूल नहीं बताया. उन्होंने कहा कि यह कानूनी और लाभकारी गतिशीलता को सुगम बनाने के लिए दोनों देशों के आपसी हित में है. साथ ही, उन्होंने अवैध प्रवासन के खिलाफ भारत के सख्त रुख को भी स्पष्ट किया.

भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर उत्साह
जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों के भविष्य को लेकर उत्साह व्यक्त किया. उन्होंने नए ट्रंप प्रशासन के इस संबंध को आगे बढ़ाने की स्पष्ट रुचि को सराहा. जयशंकर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उद्घाटन समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र भी राष्ट्रपति ट्रंप को सौंपा. उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में उन्हें ट्रंप प्रशासन के आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों से मिलने का अवसर मिला.

वैश्विक मंच पर भारतीय प्रतिभा का समर्थन
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत ‘वैध गतिशीलता’ का समर्थन करता है और भारतीय प्रतिभा और कौशल को वैश्विक स्तर पर अधिक अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक कार्यक्षेत्र में विश्वास करता है और अवैध प्रवासन को न केवल अवैध गतिविधियों के लिए हानिकारक माना बल्कि यह देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाता है.

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