Babri demolition: 31 साल बाद राम मंदिर आंदोलन का केस कर्नाटक में खुला, दो लोगों की गिरफ्तारी पर सिद्धारमैया ने दी ये दलील
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Babri demolition: 31 साल बाद राम मंदिर आंदोलन का केस कर्नाटक में खुला, दो लोगों की गिरफ्तारी पर सिद्धारमैया ने दी ये दलील

Ram Temple Ayodhya: कर्नाटक में मामला दर्ज होने के 31 साल बाद दो कारसेवकों की गिरफ्तारी पर सियासत होने लगी है. राम मंदिर आंदोलन (Ram temple movement) और अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराने के बाद हिंसा के मामले में कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर दो केंद्रीय मंत्रियों और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बीच बहस छिड़ गई है. 

Babri demolition: 31 साल बाद राम मंदिर आंदोलन का केस कर्नाटक में खुला, दो लोगों की गिरफ्तारी पर सिद्धारमैया ने दी ये दलील

Karnataka CM On Karsevaks: अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस (Babri Masjid demolition) के बाद भड़की हिंसा के मामले में आरोपी दो कारसेवकों को 31 साल बाद कर्नाटक में गिरफ्तार किया गया है. दिसंबर, 1992 की घटना को लेकर 2024 में कार्रवाई को लेकर राजनीति तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और गिरिराज सिंह ने इतने साल बाद हुबली में कारसेवकों को गिरफ्तार किए जाने पर कर्नाटक सरकार पर तंज कसा था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( Karnataka CM Siddaramaiah) ने इसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि अपराधी तब तक अपराधी रहता है, जब तक अदालत उसे बरी ना कर दे. 

सीएम सिद्धारमैया ने कहा- हम कोई हेट पॉलिटिक्स नहीं कर रहे

सिद्धारमैया ने इस विवाद पर कहा कि क्या हम गलत करने वालों को छोड़ दें? सरकार ने पुलिस विभाग को सभी पुराने मामले को जल्दी निपटाने के लिए कहा  है. पुलिस इस लिहाज से कार्रवाई कर रही है.सीएम ने कहा कि वह कोई हेट पॉलिटिक्स नहीं कर रहे हैं. किसी बेगुनाह को गिरफ्तार नहीं किया गया है. हालांकि, सिद्धारमैया ने माना कि कार्रवाई में देरी हुई है, लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि इतने साल बाद गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अदालत के निर्देशों के मुताबिक आगे की कार्रवाई करेंगे. 

 

भाजपा का बेंगलुरू में 3 जनवरी को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का एलान

दरअसल, बाबरी विध्वंस के बाद भड़की हिंसा के मामले के आरोपी दो कारसेवकों की हुबली में हुई गिरफ्तारी को विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया था. 31 साल बाद की जा रही कार्रवाई की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि अगर कारसेवकों को रिहा नहीं किया गया तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. भाजपा ने राजधानी बेंगलुरू में तीन जनवरी को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि भव्य राम मंदिर का निर्माण सिद्धारमैया की आंखों में खटक रहा है. इसलिए वह राम भक्तों को गिरफ्तार कर रहे हैं. कर्नाटक में सरकार जानबूझकर कारसेवकों को परेशान कर रही है.

रामभक्तों से टकराने की गलती न करें, वर्ना... सिद्धारमैया पर भड़के गिरिराज सिंह

भाजपा के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सिद्धारमैया जी का विनाशकाले विपरीत बुद्धि हो रहा है.उन्होंने सवाल पूछा कि क्या आप रामभक्तों को खत्म करना चाहते हैं? अगर ऐसी कोई गलती करने की कोशिश भी करेंगे तो आने वाले लोकसभा चुनाव में हिंदू एकजुट होकर आपके नतीजे को जीरो पर ला देंगे. रामभक्तों के साथ मत टकराइए. इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सिद्धारमैया पर सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या सिद्धारमैया आईएस सरकार बनाने की प्रक्रिया में हैं? या है वह मुगल इस्लामी सरकार चला रहे हैं? सिद्धारमैया राम मंदिर समारोह में न्योता नहीं मिलने से   चिढ़े हुए हैं.

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