Ramanand Sagar Ramayan: जब दीपिका चिखलिया ने सीता का किरदार निभाया था, तब उनकी उम्र 18 साल थी. रामानंद सागर ने दीपिका से कहा था कि जब सीता पर्दे पर आएंगी तो उन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं होनी चाहिए और लोग उन्हें पहचान लें. चार से पांच स्क्रीन टेस्ट के बाद उन्हें सीता के किरदार के लिए फाइनल कर लिया गया था.
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Ramanand Sagar Ramayan: अरुण गोविल (Arun Govil) और दीपिका चिखलिया (Deepika Chikhalia) स्टारर रामानंद सागर की 'रामायण' को दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिला है. इस पौराणिक शो में अरुण भगवान 'राम' और दीपिका माता 'सीता' का किरदार निभाते हुए नजर आए थे. सबसे पहले 1987 में आए इस शो में राम-सीता बने अरुण और दीपिका को फिर दर्शकों का खूब प्यार मिला था. कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान 'रामायण' को दोबारा प्रसारित किया गया था. उस वक्त इस शो ने सबसे ज्यादा देखे जाने वाले टीवी शो का रिकॉर्ड बनाया था.
रामानंद सागर की 'रामायण' (Ramanand Sagar Ramayan) में जिस वक्त दीपिका चिखलिया ने माता 'सीता' का किरदार निभाया था, उस वक्त उनकी उम्र 18 वर्ष थी. दीपिका चिखलिया ने एक पुराने इंटरव्यू में अपने सीता का रोल को हासिल करने के किस्से का भी खुलासा किया था.
4-5 स्क्रीन टेस्ट के बाद मिला था मां सीता का रोल
दीपिका चिखलिया ने बताया था कि उन्हें इस रोल के 4-5 स्क्रीन टेस्ट देने पड़े थे, जबकि वह पहले रामानंद सागर के साथ काम कर चुकी थीं. दीपिका ने रामानंद सागर के साथ 'विक्रम और बेताल' में काम किया था. दीपिका ने 'द कपिल शर्मा शो' में खुलासा किया था, ''मैं उस दौरान उनके साथ 'विक्रम और बेताल' कर रही थी. वहां शूटिंग के दौरान मैंने देखा कि कुछ बच्चे उछल-कूद कर रहे हैं. इसके बाद फिर मैंने पूछा कि यहां क्या चल रहा है तो बताया गया कि लव-कुश की कास्टिंग हो रही है. एक दिन रामानंद सागर का फोन आया कि आप भी आएं और सीता के रोल के लिए ऑडिशन दें.''
रामानंद सागर को चाहिए थी ऐसी मां सीता
दीपिका चिखलिया ने आगे कहा, ''मैंने उनसे कहा कि मैं आपके साथ दो-तीन सीरियल कर रही हूं, उसके बाद भी मुझे ऑडिशन देना पड़ेगा. तब रामानंद सागर ने कहा कि सीता को ऐसा महसूस होना चाहिए कि उन्हें स्क्रीन पर उनका परिचय नहीं देना है. इस तरह चार-पांच स्क्रीन टेस्ट के बाद मेरा सलेक्शन हो गया.''
'लोग पूजा करते थे तो शर्मिंदगी महसूस होती थी'
दीपिका ने इसी शो में खुलासा किया था कि जब लोग सार्वजनिक तौर पर उनकी पूजा करते थे तो उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती थी. दीपिका चिखलिया ने बताया था किया कि हर कोई उन्हें सामान्य रूप से नमस्कार करने के बजाय उनके पैर छूता था. वे उन्हें सीता जी और सीता मां ही कहते थे.