Phosphorus Bomb: यूक्रेन का कहना है कि रशिया ने उसके शहर बखमुत पर फॉस्फोरस बम गिराया है. रक्षा मंत्रालय द्वारा इससे हुई तबाही का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है. यहां जानेंगे कि फॉस्फोरस बम क्या है और कितना खतरनाक है.
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Phosphorus Bomb: रूस-यूक्रेन की जंग को लंबा समय हो चुका है. दोनों मुल्कों के बीच की ये लड़ाई इतना समय बीत जाने के बाद भी किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंची है. रूस ने यूक्रेन पर कई तरह से हमले किए गए हैं. इसी कड़ी में अब यूक्रेन ने यह दावा किया है कि रूस ने उसके शहर बखमुत पर फॉस्फोरस बम गिराया है. इस तबाही का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है.
जंग के दौरान आबादी वाले इलाके में इसके इस्तेमाल पर बैन है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है फॉस्फोरस बम और यह कितना खतरनाक है. वैसे तो फॉस्फोरस खरीदने पर कोई बैन नहीं है, लेकिन इससे बने बम के इस्तेमाल को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं.
फॉस्फोर बम इस तरह पहुंचाता है नुकसान
फॉस्फोरस एक मुलायम रवेदार केमिकल है. ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर यह तेजी से जलता है और चारों तरफ आग फैलने लगती है. फॉस्फोरस का तापमान 800 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा होता है. इसके कण दूर तक फैल जाते हैं, जिनके संपर्क में आने पर किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है. इससे त्वचा के इंटरनल टिश्यू डैमेज हो जाते हैं और अंदरूनी अंगों को भी बहुत नुकसान पहुंचता है.
ऑक्सीजन खत्म होने तक जलता है ये बम
इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस के अनुसार, ये बम उस इलाके की ऑक्सीजन खत्म होने तक जलते रहते हैं. इसके कण उस इलाके में मौजूद इंसानों के शरीर से चिपक जाते हैं. इसमें पाए जाने वाले फॉस्फोरिक पेंटोक्साइड केमिकल त्वचा में मौजूद नमी से रिएक्शन करके शरीर को हार्म करते हैं.
फॉस्फोरस बम के इस्तेमाल को लेकर यह है नियम
जेनेवा, स्विट्जरलैंड में साल 1977 में हुए कंवेंशन में वाइट फॉस्फोरस के उपयोग को लेकर कुछ नियम बनाए गए. इसके तहत आबादी वाले इलाके में इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है.