टोरेस पोंजी घोटाला क्या है? 1 लाख लोगों की कमाई डकार गया ठग, मुख्य आरोपी तौसिफ रियाज गिरफ्तार
Advertisement
trendingNow12618364

टोरेस पोंजी घोटाला क्या है? 1 लाख लोगों की कमाई डकार गया ठग, मुख्य आरोपी तौसिफ रियाज गिरफ्तार

What is Torres Ponzi Scheme: टोरेस पोंजी स्कैम में टोरेस ज्वैलरी के सीईओ तौसिफ रियाज को EOW को गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में भेज दिया है. एजेंसी ने शुक्रवार को टोरेस ज्वैलरी के बैंक खातों में जमा 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भी फ्रीज कर दी.

 

टोरेस पोंजी घोटाला क्या है? 1 लाख लोगों की कमाई डकार गया ठग, मुख्य आरोपी तौसिफ रियाज गिरफ्तार

Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस को टोरेस पोंजी स्कैम में बड़ी सफलता हाथ लगी है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने टोरेस स्कैम मामले में फरार आरोपी तौसिफ  रियाज को गिरफ्तार कर लिया है.

मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले तौसिफ ने खुद को व्हिसल ब्लोअर बताया था और उसने मामले में गिरफ्तार एक और शख्स को बचाने की कोशिश की थी. तौसीफ रियाज टोरेस कंपनी का सीईओ भी है और मामला सामने आने के बाद से फरार चल रहा था. तौसिफ रियाज के तार बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से जुड़े हैं. बीते दिनों आर्थिक अपराध शाखा ने तौसिफ रियाज की गिरफ्तारी के लिए सुल्तानगंज में छापेमारी की थी. साथ ही उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था.

टोरेस पोंजी घोटाला क्या है?
दरअसल, टोरेस ज्वेलरी के नाम पर  तौसीफ ने मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण क्षेत्र में कार्यालय खोलकर निवेश पोंजी योजना के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी की थी. मुंबई पुलिस की वित्तीय अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही थी.

तौसिफ ने मुंबई और उसके आसपास के एक लाख से ज्यादा निवेशकों को टोरेस पोंजी निवेश योजनाओं में निवेश करने का लालच देकर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की, जिसमें उन्होंने 'आकर्षक रिटर्न ' देने का वादा किया था. उन्होंने इसके लिए बहु-स्तरीय मार्केटिंग रणनीति और भ्रामक विज्ञापन का इस्तेमाल किया था. लेकिन कंपनी आकर्षक रिटर्न करने में विफल रहे. 

एफआईआर में दर्ज आरोप के मुताबिक,   कंपनी और उसके प्रमोटरों ने सोने, चांदी, हीरे के आभूषणों और रत्नों में निवेश पर 2 से 9 फीसदी साप्ताहिक तक के हाई रिटर्न देने का वादा किया था. साथ ही इन योजनाओं में तहत नए निवेशकों को भर्ती करने के लिए बोनस की भी पेशकश की गई थी.

इतना ही नहीं कंपनी ने सिंथेटिक मोइसैनाइट स्टोन को हीरे के बराबर के दामों  पर बेचा और इंवेस्टर्स को उनके भविष्य के मूल्यवृद्धि के बारे में गुमराह किया. ईडी के मुताबिक, कंपनी ने इसके लिए कई सेमिनार आयोजित किए, सोशल मीडिया पर विज्ञापन समेत ग्राहकों को कार और महंगे मोबाइल फोन जैसे लक्जरी इनाम से लुभाने के लिए गैर-कानूनी तरीके से लकी ड्रॉ आयोजित किए. 

ऐसे हुआ खुलासा
टोरस पोंजी घोटाला का पर्दाफाश दिसंबर 2024 में तब हुआ था जब कंपनी द्वारा वादा किए गए भुगतान बंद करने के बाद सैकड़ों निवेशक दादर, मुंबई में टोरेस वास्तु केंद्र में इकट्ठा हो गए थे. कंपनी के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद प्रवर्तन एजेंसियों ने जांच शुरू की .

ईडी ने कंपनी के सीईओ तौसिफ के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया और एजेंसी ने शुक्रवार को टोरेस धोखाधड़ी की चल रही जांच के तहत बैंक जमाओं में 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि भी फ्रीज कर दी. इस मामले में कई और गिरफ्तारी हो सकती है. ( IANS इनपुट के साथ )

 

Trending news