एक एक्शन सीन के लिए Feroz Khan ने तहस-नहस करवा दी थी मर्सिडीज, तब देश में थीं सिर्फ गिनती की लग्जरी कारें
Advertisement
trendingNow11729827

एक एक्शन सीन के लिए Feroz Khan ने तहस-नहस करवा दी थी मर्सिडीज, तब देश में थीं सिर्फ गिनती की लग्जरी कारें

Feroz khan Movies: हैरानी की बात ये है कि उस दौर में देश की आधी से ज्यादा आबादी ने मर्सिडीज कार देखी तक नहीं थी. हम बात कर रहे हैं 1980 में आई फिल्म ‘कुर्बानी’ की जिसमें फिरोज ने मर्सिडीज कार को तहस-नहस करवा दिया था.

एक एक्शन सीन के लिए Feroz Khan ने तहस-नहस करवा दी थी मर्सिडीज, तब देश में थीं सिर्फ गिनती की लग्जरी कारें

Feroz Khan in Qurbani: 70-80 के दशक के एक्टर फिरोज खान (Feroz Khan) को उनकी एक्टिंग के साथ ही जबरदस्त  स्टाइल के लिए भी जाना जाता था. कहते हैं, फिरोज खान ना सिर्फ किंग साइज की जिंदगी जीने में यकीन रखते थे बल्कि उनकी बनाई फिल्में भी किंग साइज होती थीं. कहते हैं फिरोज खान ने हॉलीवुड के दिग्गज एक्टर क्लिंट ईस्टवुड की फिल्मों से प्रेरित होकर कई फिल्में बनाईं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध ‘खोटे सिक्के’ थी. बहरहाल, बात यदि फिरोज खान के फिल्म बनाने की स्केल की करें, तो आप यह जानकर दंग रह जाएंगे कि फिरोज खान ने एक फिल्म में एक्शन सीन के लिए मर्सिडीज कार को तहस-नहस करवा दिया था. 

फिल्म ‘कुर्बानी’ में  मर्सिडीज कार को तहस-नहस करवा दिया था

हैरानी की बात ये है कि उस दौर में देश की आधी से ज्यादा आबादी ने मर्सिडीज कार देखी तक नहीं थी. हम बात कर रहे हैं 1980 में आई फिल्म ‘कुर्बानी’ की जिसमें फिरोज ने मर्सिडीज कार को तहस-नहस करवा दिया था. फिरोज खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उनके साथ विनोद खन्ना मुख्य भूमिका में थे. आपको बता दें कि कुर्बानी अपने समय की हाई वोल्टेज एक्शन फिल्म थी इसमें कुछ ऐसे एक्शन सीन भी थे जो तब भारतीय सिनेमा में पहले नहीं देखे गए थे.

देश में तब थीं कुल 8 मर्सिडीज कार 

फिल्म में एक सीन था, जिसमें फिरोज खान, अमरीश पुरी को एक भिखारी के साथ मारपीट करते हुए देखते हैं. सीन में आगे दिखाया जाता है कि इस बात का बदला लेने के लिए फिरोज अमीर आदमी दिखाए गए अमरीश पुरी की मर्सिडीज में कूद जाते हैं और उसका एक्सीडेंट कर देते हैं, जिससे कार पूरी तरह से तहस-नहस हो जाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिरोज खान ने इस सीन के लिए ही खास तौर पर मर्सिडीज खरीदी थी. उस समय फिरोज के निर्णय को पागलपन माना गया था क्योंकि मर्सिडीज एक बहुत लग्जूरियस और महंगी गाड़ी थी. खबरों की मानें तो उस समय देश में केवल 8 मर्सिडीज कारें थीं.

Trending news