Bhajanlal Jatav, Karauli Dholpur: राजस्थान की करौली- धौलपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस टिकट से भजनलाल जाटव चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला बीजेपी की इंदु जाटव से है.
Trending Photos
Bhajanlal Jatav Karauli Dholpur Lok Sabha 2024: राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं. इन्हीं में से एक सीट करौली धौलपुर है. अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व यह सीट इन दिनों बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सबब बनी हुई है. इसकी वजह है कि यहां पर दोनों पार्टियों ने जाटव प्रत्याशी उतारे हैं. कांग्रेस ने जहां भजनलाल जाटव को टिकट दिया है तो बीजेपी ने इंदु जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी ने मनोज राजोरिया का काटा टिकट
करौली धौलपुर सीट पर मौजूदा समय में बीजेपी के मनोज राजोरिया सांसद हैं. उनके खिलाफ इलाके में एंटी इनकंबेंसी की स्थिति थी. इसे देखते हुए बीजेपी ने उनका टिकट काटकर इस बार इंदु जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया. जबकि एंटी इनकंबेसी का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस ने भजनलाल जाटव को मैदान में उतारा है.
कौन हैं भजनलाल जाटव?
भजनलाल जाटव कांग्रेस के मंझे हुए नेता हैं. वे पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते हैं. वे 2 बार विधायक रह चुके हैं. वर्ष 2014 में हुए असेंबली के उपचुनाव में वे वैर सीट से जीते थे. इसके बाद वर्ष 2018 में हुए असेंबली चुनाव में वे फिर जीते और सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर सार्वजनिक निर्माण विभाग सौंपा था.
राजस्थान में दलितों का बड़ा चेहरा
भजनलाल जाटव राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा माने जाते हैं. पिछले साल हुए असेंबली चुनाव में उन्हें हार झेलनी पड़ी. इसके बावजूद करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है. यही वजह रही कि कांग्रेस ने उन्हें इस बार इसी सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा है. जहां पर उनका कड़ा मुकाबला अपनी ही बिरादरी ही इंदु जाटव से होगा. वे पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया की करीबी मानी जाती हैं.
अब तक एक बार ही जीती है कांग्रेस
करौली-धौलपुर लोकसभा सीट की बात करें तो इसका गठन परिसीमन के बाद 2008 में हुआ था. इसके बाद से इस सीट पर चुनाव में 2 बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस जीती है. इस लोकसभा सीट में 8 असेंबली सीटें हैं, जिनमें करीब 3 लाख जाटव वोटर्स रहते हैं. उनके अलावा बैरवा वोटर्स की भी यहां पर बड़ी आबादी है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार कांग्रेस यहां से मुकाबला जीतकर 2-2 से बराबर कर देगी या बीजेपी फिर जीत हासिल करके 3-1 की अजेय बढ़त हासिल कर लेगी.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.