ओडिशा हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने KIIT यूनिवर्सिटी के संस्थापक अच्युत सामंत को नेपाली छात्रा की कथित आत्महत्या और उसके बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों द्वारा छात्रों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की जांच के लिए आज 21 फरवरी को उच्च स्तरीय समिति के सामने पेश होने के लिए कहा.
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KIIT Achyuta Samanta: ओडिशा हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने KIIT यूनिवर्सिटी के संस्थापक अच्युत सामंत को नेपाली छात्रा की कथित आत्महत्या और उसके बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारियों द्वारा छात्रों के साथ किए गए दुर्व्यवहार की जांच के लिए आज 21 फरवरी को उच्च स्तरीय समिति के सामने पेश होने के लिए कहा. साथ ही उनसे घटना से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज पेश करने को भी कहा गया है. आज हम आपको बता रहे हैं कि अच्युत सामंत कौन हैं और कैसे KIIT यूनिवर्सिटी की कहानी कहां से शुरू हुई थी.
कौन हैं अच्युत सामंत, कितनी डिग्रियां और अवॉर्ड?
1965 में जन्मे, उत्कल विश्वविद्यालय से 1987 में रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की और 22 साल की उम्र में पढ़ाना शुरू कर दिया. अच्युत सामंत पिता का बचपन में ही निधन हो गया था और महज चार साल की उम्र में वह अनाथ हो गए. 15 साल तक उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा. प्रो.अच्युत सामंत ने कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, डेंटल साइंसेज और नर्सिंग साइंसेज की भी स्थापना की, जिसमें 2600 बैड वाला मॉडर्न हॉस्पिटल और सुपर स्पेशियलिटी सेंटर भी शामिल है.
दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से 33 मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित.
वह ओडिशा के कंधमाल से बीजू जनता दल (BJD) के टिकट पर सांसद चुने गए. 2018 में वह राज्यसभा सदस्य रहे और 2019 से 2024 तक लोकसभा सदस्य भी रहे.
30 साल से ज्यादा का अनुभव, और अभी भी जारी है.
KIIT विश्वविद्यालय के पहले चांसलर और किसी भी भारतीय यूनिवर्सिटी के सबसे कम उम्र के चांसलर.
भारत की दो बेस्ट शिक्षा निकायों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के सदस्य के रूप में लगातार दो बार (2008-11 और 2011-2014) और ऑल इंडिया टेक्निकनल एजुकेशन काउंसिल (AICTE) की कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में काम किया.
UGC के सदस्य बनने वाले पहले उड़िया और UGC और AICTE दोनों के सदस्य एक साथ बनने वाले पहले भारतीय.
भारत सरकार के कई अन्य निकायों जैसे NCTE, ISTE, ISCA, COIR BOARD, CAPART आदि के सदस्य के रूप में काम किया.
असम और ओडिशा के केंद्रीय विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद के सदस्य के रूप में काम किया.
देश और विदेश के अलग अलग संस्थानों और संगठनों में दीक्षांत समारोह संबोधन, मुख्य भाषण और स्थापना दिवस व्याख्यान सहित लगभग 100 प्रेरक भाषण दिए.
उन्हें कई देशों से नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें गुसी पीस प्राइज इंटरनेशनल, बहरीन का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 50 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और 200 से अधिक राज्य सम्मान और पुरस्कार शामिल हैं.
वे कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT यूनिवर्सिटी) और कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) के संस्थापक हैं. KISS, भुवनेश्वर में एक पूरी तरह से मुफ्त और पूरी तरह से आवासीय आदिवासी संस्थान है.
कैसे हुई यूनिवर्सिटी की शुरूआत?
KIIT की शुरुआत दो कमरे के किराए के अपार्टमेंट में 5000 रुपये (100USD) से हुई थी. इसकी शुरुआत 1992 में एक छोटे से ट्रेनिंग सेंटर के रूप में हुई थी, जिसमें सिर्फ 12 विद्यार्थी और दो टीचर थे. 2017 में इसे यूनिवर्सिटी बना दिया गया. और अब यह देश के सबसे होनहार प्रोफेशनल यूनिवर्सिटीज में से एक के रूप में विकसित हो गया है, जिसकी ग्लोबल पर पहचान है. आज इस यूनिवर्सिटी में तकरीबन 65 देशों के 40,000 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. इनमें 2,000 से अधिक स्टूडेंट्स दूसरे देशों से हैं, जबकि बाकी भारत के अलग-अलग राज्यों से आते हैं.
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इसमें 40 फीसदी स्टूडेंट्स नेपाल से हैं. इसी तरह कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) 80000 आदिवासी छात्रों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, खेल, और प्रोफशनल ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है. KIIT और KISS को कई मामलों में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. फाइनेंस मोस्टली डॉट काम के मुताबिक कभी 5000 रुपये से शुरू हुआ कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) और कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) की नेटवर्थ 10000 करोड़ रुपये है.
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