आखिर क्यों सोते समय एक आंख खुली ही रखती हैं ये मछलियां? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
Advertisement
trendingNow12606837

आखिर क्यों सोते समय एक आंख खुली ही रखती हैं ये मछलियां? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Knowledge Story: व्हेल और डॉल्फिन की यह आदत न केवल उनकी सुरक्षा, बल्कि उनकी जीवनशैली का भी एक अहम हिस्सा है. यह दर्शाता है कि समुद्री जीव कैसे मुश्किल परिस्थितियों में भी खुद को जीवित रख पाते हैं. चलिए जानते हैं कि ये मछलियां क्यों एक आंख खुली रखकर सोती हैं...

आखिर क्यों सोते समय एक आंख खुली ही रखती हैं ये मछलियां? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Whale And Dolphin Sleeping Habits: दुनिया में हर जीव-जंतु की अपनी खासियत होती है और समुद्र में पाई जाने वाली व्हेल और डॉल्फिन मछलियों की आदतें भी बेहद अनोखी हैं. ये मछलियां जब सोती हैं, तो उनकी एक आंख खुली रहती है. ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे का कारण आपको हैरान कर सकता है. आइए जानते हैं इन मछलियों की खास आदत और इसके पीछे का साइंटिफिक रीजन...

व्हेल मछली: सबसे खतरनाक
समुद्र की विशाल व्हेल मछली अपनी ताकत और खतरनाक स्वभाव के लिए मशहूर है, लेकिन सोते समय उसका एक आंख खोलकर रखना बेहद चौंकाने वाला है. साइंटिस्ट्स का मानना है कि व्हेल मछली जब सोती है, तो उसका एक दिमाग एक्टिव रहता है. यह इसलिए ताकि वह अपने पर्यावरण पर नजर रख सके और समय-समय पर सांस लेने के लिए सतह पर आ सके. अगर उसका पूरा दिमाग बंद हो जाए, तो वह सांस लेना भूल सकती है, जिससे उसकी जान पर खतरा हो सकता है.

डॉल्फिन: इंसानों की दोस्त, लेकिन सतर्क
डॉल्फिन अपनी चंचलता और इंसानों के साथ दोस्ताना व्यवहार के लिए जानी जाती है, लेकिन जब यह सोती है, तो इसकी एक आंख खुली ही रहती है.
डॉल्फिन का मस्तिष्क सोने के दौरान आधा जागृत रहता है. यह आदत उन्हें शिकारी मछलियों से बचाने में मदद करती है. खुली आंख के जरिए वे अपने चारों ओर की गतिविधियों पर नजर रखती हैं.

कैसे काम करता है इनका ब्रेन?
इन मछलियों का मस्तिष्क खास तरीके से काम करता है. जब इनकी एक आंख बंद होती है, तो दूसरी आंख और दिमाग का विपरीत हिस्सा एक्टिव रहता है. इसे "यूनिहेमिस्फेरिक स्लीप" (Unihemispheric Sleep) कहा जाता है. यह प्रक्रिया इन्हें सतर्क बनाए रखने के साथ-साथ सांस लेने और खुद की सुरक्षा करने में मदद करती है.

सुरक्षा और जीवनशैली का सवाल
समुद्र के खतरनाक माहौल में खुद को सुरक्षित रखने के लिए व्हेल और डॉल्फिन ने यह अनोखी आदत विकसित की है.शिकारी मछलियों से बचने के लिए यह सतर्क रहना जरूरी होता है. उनका यह व्यवहार उन्हें लंबा जीवन जीने और कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने में मदद करता है.

प्राकृतिक अनुकूलन का नतीजा
व्हेल और डॉल्फिन का यह व्यवहार प्राकृतिक अनुकूलन (Adaptation) का अद्भुत उदाहरण है. समुद्री जीवों के बीच जीवित रहने के लिए उन्होंने इस प्रक्रिया को अपनाया है. उनकी इस अनोखी आदत से पता चलता है कि समुद्री जीवन में भी जीव अपनी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं. यह प्राकृतिक विकास की वह कला है, जो हमें हर जीव में देखने को मिलती है. 

Trending news