7 देशों के साथ भारत का 'अष्टभुजा प्रहार', समंदर में पानी-पानी होकर डूब जाएगा चीन!
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7 देशों के साथ भारत का 'अष्टभुजा प्रहार', समंदर में पानी-पानी होकर डूब जाएगा चीन!

 चालबाज चीन की तो बीजिंग के फौजी कमांडर समंदर का शहंशाह बनने की हसरत पाले बैठे हैं. लेकिन उसके इन मंसूबों को ध्वस्त करने की तैयारी हिंदुस्तान ने शुरू कर दी है. इंडोनेशिया के समंदर में भारतीय नौसेना अभ्यास कर रही है. इस नेवल एक्सरसाइज मे भारत के साथ 8 देश शामिल है.

7 देशों के साथ भारत का 'अष्टभुजा प्रहार', समंदर में पानी-पानी होकर डूब जाएगा चीन!

Indian Army Vs China Army: चालबाज चीन की तो बीजिंग के फौजी कमांडर समंदर का शहंशाह बनने की हसरत पाले बैठे हैं. लेकिन उसके इन मंसूबों को ध्वस्त करने की तैयारी हिंदुस्तान ने शुरू कर दी है. इंडोनेशिया के समंदर में भारतीय नौसेना अभ्यास कर रही है. इस नेवल एक्सरसाइज मे भारत के साथ 8 देश शामिल है. अटकलबाजी से इस मिलिट्री एक्सरसाइज का सीधा मकसद इंडो पैसिफिक की सुरक्षा को मजबूत करना यानी चीन की हेकड़ी निकालना है.

समंदर में हुंकार भर रहा INS मुंबई युद्धपोत चीन को चेतावनी दे रहा है. इंडोनेशिया के समंदर में बारूदी यलगार कर रहा भारतीय नौसेना का ये जंगबाज ऐलान कर रहा है कि अगर चालबाज चीन ने कोई गुस्ताखी की तो तत्काल उसका इलाज यानी खेल खल्लास कर दिया जाएगा. इंडो पैसिफिक के जिस इलाके पर बीजिंग बारूदी निगाहें डाल रहा है, वहां भारतीय नौसेना समुद्री अभ्यास के जरिए अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही है.

'ला पेरूज़' नेवल एक्सरसाइज

इंडोनेशिया के जकार्ता के समंदर में चल रहे इस सैन्य अभ्यास का नाम है- ''ला पेरूज़' नेवल एक्सरसाइज'. जिसमें भारत के अलावा इंडो पैसिफिक के 8 देशों की नौसेना एक साथ अपना दमखम दिखा रही है.

समुद्री अभ्यास
भारतीय नौसेना
ऑस्ट्रेलियाई नेवी
फ्रांसीसी नौसेना
ब्रिटेन की नेवी
अमेरिका की नौसेना
इंडोनेशियाई नेवी
मलेशिया की नौसेना
सिंगापुर और
कनाडा की नेवी शामिल है. 

इसमें भारतीय नौसेना ने युद्धपोत INS मुंबई जकार्ता भेजा है. ये स्वदेशी और गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है. ये नेवल एक्सरसाइज 16 जनवरी से शुरू हुई है...और 24 जनवरी तक चलने वाली है...इस दौरान सभी देश मिलकर समंदर के मोर्चे की सुरक्षा को चाकचौबंद करने का अभ्यास कर रहे हैं

मकसद 

समुद्री सुरक्षा.
समंदर की निगरानी.
हवाई संचालन में सहयोग बढ़ाना है.

इस अभ्यास में शामिल देशों की नौसेनाएं मिलकर योजना बनाती है. कॉऑर्डिनेशन बनाने में मदद मिलती है और एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करना मिशन होता है. ताकि समंदर के मोर्चे पर दुश्मन की साजिश को नेस्तनाबूद किया जा सके.

इसी प्लान के तहत जमीन पर युद्ध लड़ने, एयर डिफेंस, एंटी-एयर वॉरफेयर, क्रॉस डेक लैंडिंग्स जैसे मुश्किल अभ्यास को अंजाम दिया जा रहा है, ताकि यह परखा जा सके कि अगर इंडो पैसिफिक में चीन जैसे चालबाज दुश्मन का मुकाबला करना पड़ा तो किस तरह ये सभी देश मिलकर जंग में उतर सकते हैं. 

इस समुद्री अभ्यास में क्वाड की बड़ी ताकतें शामिल हैं. भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान.

इसमें जापान को छोड़कर बाकी सभी देशों की नौसेनाएं इंडोनेशिया में चल रहे अभ्यास में शक्ति प्रदर्शन कर रही है. सबके निशाने पर निशाने पर है चीन. क्योंकि चीन लंबे वक्त से इंडो पैसिफिक में अपना दबदबा बनाने की मंशा पाल रहा है. जिसे काबू करने के लिए ही क्वाड का गठन किया गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर के मुताबिक इंडो पैसिफिक के मोर्चे पर शांति और सुरक्षा के मद्देनदर क्वाड का बड़ा रोल है

'क्वाड' से चीन पर काबू!

विदेशमंत्री जयशंकर कह चुके हैं कि अमेरिका और चीन के रुख में बदलाव की वजह से इंडो पैसेफिक में तनाव बढ़ा है. भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में शांति को प्राथमिकता दी गई है. इसी वजह से हम जापान, ऑस्ट्रेलिया और द.कोरिया जैसे देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहे हैं. 

आज भारत की ताकत कई गुना बढ़ चुकी है.  भारत दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते काफी मजबूत हुए हैं. ऐसे में अमेरिका भी जानता है कि अगर चीन को काबू करना है तो भारत जैसा भरोसेमंद साथी चाहिए. यही कारण है कि आज दुनिया हिंदुस्तान की ताकत को सलाम कर रही है. तमाम ताकतवर मुल्क भारत के साथ दोस्ती मजबूत कर रहे हैं.

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