देश में तेजी से बढ़ेंगी हाई स्‍पीड ट्रेनें, पह‍ियों की सप्‍लाई बढ़ाने के ल‍िए रेलवे ने बनाया यह प्‍लान
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देश में तेजी से बढ़ेंगी हाई स्‍पीड ट्रेनें, पह‍ियों की सप्‍लाई बढ़ाने के ल‍िए रेलवे ने बनाया यह प्‍लान

High Speed Train: देश में हाई स्‍पीड ट्रेनों की संख्‍या अगले एक से दो साल में तेजी से बढ़ेगी. इसके ल‍िए रेलवे को नए पह‍ियों की जरूरत होगी. सप्‍लाई में क‍िसी तरह की रुकावट नहीं हो, इसके ल‍िए रेलवे ने रामकृष्ण फोर्जिंग्स लिमिटेड के साथ करार क‍िया है. 

देश में तेजी से बढ़ेंगी हाई स्‍पीड ट्रेनें, पह‍ियों की सप्‍लाई बढ़ाने के ल‍िए रेलवे ने बनाया यह प्‍लान

Railways Wheels Production: आने वाले सालों में देश में हाई-स्पीड ट्रेनों की संख्‍या बढ़ेगी. ऐसे में रेलवे को पहियों की जरूरत पड़ेगी. इसे देखते हुए रेलवे अधिकारी देश में ही ज्यादा से ज्यादा पहिये बनाने की तैयारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार की योजना 200 वंदे भारत एक्सप्रेस और दूसरी हाई-स्पीड ट्रेनें संचाल‍ित करने की है. अधिकारियों के अनुसार साल 2026 के बाद से हर साल करीब दो लाख पहियों की जरूरत पड़ेगी. अभी तक रेलवे की तरफ से ज्यादातर पहिये चीन से आयात करने पड़ते थे. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आयात में परेशानी आ रही है.

SAIL हर साल 40,000 पह‍ियों का न‍िर्माण कर रही

देश में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की तरफ से करीब 40,000 पहियों का न‍िर्माण क‍िया जाता है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार फ‍िर भी रेलवे को 2024-25 में चीन और रूस से करीब 900 करोड़ रुपये के पहियों का आयात करना पड़ा. एक सीन‍ियर अधिकारी ने बताया, 'देश में हाई-स्पीड ट्रेनें शुरू होने और रेलवे नेटवर्क बढ़ने से पहियों की मांग बहुत बढ़ जाएगी. हमारा लक्ष्य है क‍ि हम आयात पर निर्भरता कम करके देश में ही ज्यादा से ज्यादा पहियों को बनाएं.

घरेलू उत्पादन क्षमता हर साल 75,000 पहियों की
रेलवे के अनुसार, 1960 के दशक से ही इंजनों और कोचिंग स्टॉक (LHB) के लिए जरूरी विभिन्‍न प्रकार के पहियों (फोर्ज्ड व्हील्स) का आयात ब्रिटेन, चेक गणराज्य, ब्राजील, रोमानिया, जापान, चीन, यूक्रेन और रूस से क‍िया जाता है. मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 के लिए मौजूदा घरेलू उत्पादन क्षमता केवल 75,000 पहियों की है. इसलिए, रेलवे ने एक भारतीय कंपनी रामकृष्ण फोर्जिंग्स लिमिटेड (RKFL) और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (Titagarh Rail Systems Ltd) के एक ग्रुप के साथ सहयोग करके इसे बढ़ाने की योजना बनाई है. यह अगले 20 साल तक सालाना 80,000 पहियों की सप्‍लाई कर सकता है.

बयान के अनुसार, 'विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई यून‍िट (SPV) के जर‍िये से अनुबंध के निष्पादन के लिए ग्रुप के प्रमुख सदस्य रामकृष्ण के अनुरोध पर 9 दिसंबर, 2024 की तारीख वाले आरबी (रेलवे बोर्ड) के पत्र के माध्यम से सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है, जो कि प्रमुख सदस्य (रामकृष्ण) से संबंधित एसपीवी में बहुसंख्यक शेयरधारकों के संबंध में एक न‍िश्‍च‍ित शर्त के अधीन है. रामकृष्ण की ओर से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है.'

बयान में कहा गया, 'जानकारी के अनुसार, कंपनी ने पहिया परियोजना की स्थापना के लिए तमिलनाडु में 72.75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है. परियोजना के लिए निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. शेड निर्माण सहित सिविल कार्य जारी है.' मंत्रालय ने कहा कि विक्रेता से मिली सूचना के अनुसार सभी मशीनों का ऑर्डर दे दिया गया है और उनकी सप्‍लाई मार्च, 2025 में शुरू होने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार, संयंत्र का निर्माण मार्च, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. रामकृष्ण के अनुरोध पर, रेलवे बोर्ड ने नमूना उद्देश्यों के लिए भुगतान के आधार पर 20 पहियों के जारी करने के लिए एक पत्र जारी किया है.'

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