Pension Scheme: दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों के सभी कर्मियों को सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना यानी Old Pension Scheme के लाभों का विस्तार करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश न्यायमूर्ति सुरेश कांत और न्यायमूर्ति नीना कृष्ण बंसल की पीठ के फैसले का हिस्सा है.
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Old Pension Scheme: लोगों को पेंशन की काफी उम्मीद रहती है. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों के सभी कर्मियों को सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना यानी Old Pension Scheme के लाभों का विस्तार करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश न्यायमूर्ति सुरेश कांत और न्यायमूर्ति नीना कृष्ण बंसल की पीठ के फैसले का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) केंद्र सरकार के सशस्त्र बलों का हिस्सा हैं और उन्हें उनके समान लाभ दिए जाने चाहिए.
पेंशन योजना
ओपीएस के लाभ सीसीएस पेंशन नियम, 1972 के अनुसार सीएपीएफ कर्मियों पर लागू होंगे. दिल्ली हाईकोर्ट बेंच ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246 में भारतीय संघ के सशस्त्र बलों की परिकल्पना की गई है, जिसमें "नौसेना, सैन्य और वायु सेना; संघ के किसी भी अन्य सशस्त्र बल ”, और इसलिए CAPF के कर्मी समान OPS लाभ के पात्र हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र को 8 हफ्ते के अंदर जरूरी आदेश जारी करने का भी आदेश दिया है.
पेंशन
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट 82 याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी कर्मियों को ओपीएस लाभ से इनकार करने वाले आदेशों को रद्द करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि 22 दिसंबर 2003 को गृह मंत्रालय ने 1 जनवरी 2004 से प्रभावी नई पेंशन योजना के कार्यान्वयन के लिए एक अधिसूचना जारी की थी.
पेंशन स्कीम
उन्होंने कहा कि ओपीएस का लाभ उन अर्धसैनिक कर्मियों को दिया गया जिनकी भर्ती प्रक्रिया तो 31 दिसंबर, 2003 तक पूरी हो गई थी, लेकिन वो लोग 1 जनवरी के बाद बल में शामिल हुए थे. अदालत ने कहा कि नई अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) के लिए 2003 की अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि '1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार की सेवा में सभी नई भर्तियों के लिए प्रणाली अनिवार्य होगी (पहले चरण में सशस्त्र बलों को छोड़कर)'.
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