60 प्रतिशत भारतीय फ्री के अनाज पर निर्भर... इतनी गरीबी किसी आर्थिक रूप से मजबूत देश की विशेषता नहीं
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60 प्रतिशत भारतीय फ्री के अनाज पर निर्भर... इतनी गरीबी किसी आर्थिक रूप से मजबूत देश की विशेषता नहीं

Infosys Founder: हफ्ते में 70 घंटे काम को लेकर बयान देने वाले एनआर नारायण मूर्ति ने अब कहा क‍ि उन्‍होंने 40 साल से भी ज्‍यादा समय तक इंफोस‍िस में घंटों-घंटों तक काम क‍िया है. उन्‍होंने कहा क‍ि मैं सुबह 6:30 बजे ऑफिस पहुंच जाता था और रात 8:30 बजे निकलता था. 

60 प्रतिशत भारतीय फ्री के अनाज पर निर्भर... इतनी गरीबी किसी आर्थिक रूप से मजबूत देश की विशेषता नहीं

70 Hour Work Week: प‍िछले द‍िनों हफ्ते में 70 घंटे काम को लेकर बयान देने वाले एनआर नारायण मूर्ति (NRN Narayana Murthy) ने फ‍िर से काम के लंबे घंटों को लेकर अपनी बात रखी है. जब उन्‍होंने सप्‍ताह में 70 घंटे काम को लेकर बयान द‍िया था, उस समय उन्‍हें सोशल मीड‍िया पर काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. अब उस पर नारायण मूर्ति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा क‍ि कोई भी क‍िसी से लंबे समय तक काम करने के लिए नहीं कह सकता. लेकिन हर क‍िसी को यह खुद से समझने और सोचने की जरूरत है. उन्‍होंने बताया, मैंने इंफोस‍िस में 40 साल से ज्‍यादा तक हफ्ते में 70 घंटे से ज्‍यादा समय तक काम क‍िया.

'बहस करने की बजाय खुद से व‍िचार करने की जरूरत'

उन्‍होंने कहा इस तरह के मामलों पर हमें बहस करने की बजाय खुद से व‍िचार करने की जरूरत है. मूर्त‍ि ने कहा 'मैं सुबह 6:30 बजे ऑफिस पहुंच जाता था और रात 8:30 बजे निकलता था. यह पूरी तरह सच है और मैंने ऐसा किया है. इसलिए कोई नहीं कह सकता कि नहीं, यह गलत है.' उन्होंने कहा, 'मैंने 40 साल से भी ज्‍यादा ऐसा किया है.' यह बात नारायण मूर्त ने एक कार्यक्रम में लेक्चर देने के बाद वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर एक सवाल के जवाब में कही. हमें इन बातों पर बहुत चर्चा या बहस करने की जरूरत नहीं है. इन बातों के बारे में खुद सोचना और समझना चाहिए. इसके बाद खुद तय करना चाहिए कि क्या करना है.

'...किसी गरीब बच्चे के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा'
मूर्ति ने कहा, 'कोई भी यह नहीं कह सकता कि आपको यह करना चाहिए, आपको यह नहीं करना चाहिए'. हाल ही में एलएंडटी चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने कर्मचारियों से हफ्ते में 90 घंटे काम करने के लिए कहा था. इसके बाद इस मामले को लेकर बहुत चर्चा हो रही है. मूर्ति ने कहा कि किसी शख्‍स को यह तय करने के लिए कि उसे कितनी मेहनत करनी चाहिए, उसे सोचना चाहिए कि यद‍ि वह मेहनत करता है या नहीं करता है, तो इससे किसी गरीब बच्चे के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा. उसके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए ही हमें मेहनत करनी चाहिए.

60 प्रतिशत भारतीय फ्री के अनाज पर निर्भर
इंफोस‍िस फाउंडर ने कहा 'यद‍ि मैं मेहनत करूंगा, अच्छे से काम करूंगा, ज्यादा पैसा कमाऊंगा और ज्यादा टैक्स दूंगा, तो ही उस बच्चे का भविष्य अच्छा होगा'. अपने संबोधन में उन्होंने जर्मन वैज्ञानिक मैक्स वेबर का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अच्छे इंसान, जो मेहनती होते हैं, महत्वाकांक्षी होते हैं, होशियार होते हैं, अनुशासित होते हैं. वे किसी भी मुश्किल हालात में देश को तरक्की की राह पर ले जा सकते हैं. आज 60 प्रतिशत भारतीय अभी भी हर महीने फ्री के अनाज पर निर्भर हैं. इस बात का ज‍िक्र करते हुए उन्‍होंने कहा क‍ि इतनी गरीबी किसी आर्थिक रूप से मजबूत देश की विशेषता नहीं है.

मूर्ति ने यह भी कहा कि कॉर्पोरेट्स द्वारा लालची व्यवहार के कारण लोगों ने पूंजीवाद में व‍िश्‍वास खो दिया है. कुछ कॉर्पोरेट लीडर की फिजूलखर्ची वाली लाइफस्‍टाइल के बारे में एक सवाल पर मूर्ति ने कहा कि यदि कोई कानून नहीं टूटा या यदि कोई व्यक्ति अपने मेहनत से कमाए हुए पैसे खर्च करने के अधिकार का प्रयोग करता है तो वह किसी को भी सुझाव देने वाला नहीं है. 

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