Venugopal Dhoot: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को धोखाधड़ी (ICICI Bank Fraud Case) के मामले में गिरफ्तार किया.
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ICICI Videocon Loan Fraud Case: चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तारी के बाद आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन लोन फ्रॉड मामले में सीबीआई को बड़ी कामयाबी मिली है. इस बार केंद्रीय जांच एजेंसी वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई है. इस चर्चित लोन फ्रॉड मामले में पिछले तीन दिन में यह तीसरी गिरफ्तारी है.
कोचर दंपत्ति को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया
इससे पहले सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार शाम को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को धोखाधड़ी (ICICI Bank Fraud Case) के मामले में गिरफ्तार किया. चंदा कोचर (Chanda Kochhar) पर पति दीपक कोचर को आर्थिक रूप से फायदा देने के आरोप लगे हैं. पूर्व सीईओ कोचर ने 26 अगस्त 2009 को बैंक की तरफ से वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपये का लोन देने की मंजूरी दी थी.
CBI ने चंदा कोचर के खिलाफ FIR दर्ज की
साल 2008 में इस मामले ने तूल पकड़ लिया. यह पूरा फैसला बैंक रेगुलेशन और पॉलिसी के हिसाब से नहीं था. इसके बाद 2020 में ईडी (ED) ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर से स करोड़ों के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की. इसके बाद CBI ने चंदा कोचर के खिलाफ FIR दर्ज की. बाद में ED ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार करके पूछताछ की.
9 लाख रुपये में ट्रांसफर किए गए शेयर
वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर के पति साथ में बिजनेस करते हैं. चंदा कोचर और दीपक कोचर पर आरोप लगा कि वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली कंपनी के जरिये लोन का एक बड़ा हिस्सा ट्रांसफर किया था. लगभग 94.99 प्रतिशत की होल्डिंग वाले बड़े शेयर्स महज 9 लाख रुपये में ट्रांसफर किए गए.
78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
आईसीआईसीआई बैंक ने निष्पक्ष जांच का निर्णय करते हुए 30 मई 2018 को बोर्ड व्हिसल ब्लोअर के आरोपों की 'विस्तृत जांच' की घोषणा की. जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच पूरी हुई और चंदा कोचर दोषी पाई गईं. इसके बाद, ED ने 2020 में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनकी कंपनियों से संबंधित 78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली. इसके बाद यह केस बढ़ता गया.
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