व‍ित्‍त मंत्री बने, फ‍िर भी पेश नहीं कर सके एक भी बजट...कौन थे देश के ऐसे फाइनेंस म‍िन‍िस्‍टर?
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व‍ित्‍त मंत्री बने, फ‍िर भी पेश नहीं कर सके एक भी बजट...कौन थे देश के ऐसे फाइनेंस म‍िन‍िस्‍टर?

Nirmala Sitharaman: इस बार व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण आठवीं बार बजट पेश करेंगी. लेक‍िन अब भी वह मोरारजी देसाई के 10 बार बजट पेश करने के र‍िकॉर्ड को नहीं तोड़ पाएंगी. इस र‍िकॉर्ड को तोड़ने के ल‍िए उन्‍हें अभी समय लगेगा. 

व‍ित्‍त मंत्री बने, फ‍िर भी पेश नहीं कर सके एक भी बजट...कौन थे देश के ऐसे फाइनेंस म‍िन‍िस्‍टर?

Budget 2025: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आठवीं बार देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं. इससे पहले 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू होगा. यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा. इस बार के बजट में सरकार आम आदमी को राहत देने के साथ ही जीडीपी को बूस्‍ट करने के ल‍िए कदम उठा सकती है. कई मीड‍िया र‍िपोर्ट में यह दावा क‍िया जा रहा है क‍ि इस बार इनकम टैक्‍स को लेकर सरकार की तरफ से बड़ा ऐलान क‍िया जा सकता है. सरकार यद‍ि टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव करती है तो इससे बाजार में पैसे का फ्लो बढ़ेगा, ज‍िससे जीडीपी बूस्‍ट करने में मदद म‍िलेगी. आइए जानते हैं बजट से जुड़ी ऐसे फैक्‍ट, ज‍िनके बारे में शायद ही आप जानते हो.

पहला बजट कब पेश हुआ?

हर साल बजट में सरकार आने वाले व‍ित्‍तीय वर्ष के आय और व्‍यय का लेखा-जोखा पेश करती है. सरकार द्वारा सालभर का देश की आय और खर्च का लेखा-जोखा पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी. ब्रिटिश काल में पहली बार भारत में 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया गया था. यानी पहली बार बजट 164 साल पहले पेश क‍िया गया और उस समय इसे फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने पेश किया. आजादी के बाद ब्रिटेन के ही बजट पेश करने के तरीके को ही आगे बढ़ाया गया.

कौन से व‍ित्‍त मंत्री पेश नहीं कर पाए एक भी बजट?
आपको यह जानकर हैरानी होगी क‍ि देश में एक ऐसी भी वित्त मंत्री हुए हैं जिन्होंने काभी बजट पेश नहीं किया. 1948 में 35 दिन तक केसी नियोगी वित्त मंत्री रहे. वह आजाद भारत में इकलौते ऐसे वित्त मंत्री रहे, जो एक भी बजट पेश नहीं कर सके. उनके बाद जॉन मथाई को देश के तीसरे वित्त मंत्री बने.

कब पेश होता है बजट?
अब बजट दोपहर में 11 बजे पेश किया जाता है. इससे पहले ब्रिटिश काल में बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. ऐसा इसलिए किया जाता था, ताकि रातभर बजट पर काम करने वाले अधिकारियों को थोड़ा आराम मिल सके.

सबसे अधिक बार पेश किया बजट
भारत में सबसे अधिक बार भारत का बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया है. मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री के रूप में 10 बार देश का बजट पेश किया है. इसमें आठ बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं.

जीएसटी का पहली बार जिक्र
28 फरवरी, 2006 को तत्कालीन फाइनैंस मिनिस्टर पी. चिदंबरम ने पहली बार बजट में जीएसटी की बात की थी. पहली बार यूपीए-2 के कार्यकाल में चिदंबरम की ओर से राष्ट्रीय एकल टैक्स की बात कही गई थी.

लाल बैग की परंपरा खत्म
सबसे पहले जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री संसद में सरकार का खर्च और आय की जानकारी देते थे और इसे चमड़ें के लाल बैग में लेकर आया जाता था लेकिन भाजपा सरकार ने लाल बैग की परंपरा को खत्म किया.

इंफ्रास्ट्रक्चर की बात कब हुई?
आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद 30 साल तक पेश किए गए आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द का प्रयोग तक नहीं हुआ था. यह शब्द 1990 में ही चर्चा का विषय बना था. और आज यह इंफ्रास्ट्रक्चर दे की अर्थव्यवस्था में अपनी खास जगह बनाए हुए है. 

महिला के मुद्दों पर टूटी चुप्पी
आम बजट के लिहाज से पहले महिलाओं को बजट में जगह नहीं मिली थी. बजट में महिलाओं के मुद्दों को बहुत देर से स्थान मिला. 1980 तक आम बजट में महिला मुद्दों का जिक्र भी नहीं किया जाता था. यानी इसके बाद ही महिलाओं के बारे में बजट में चर्चा होने लगी. 

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